नई दिल्ली। Stock Market: इस सप्ताह घरेलू स्तर पर किसी बड़े घटनाक्रम की गैरमौजूदगी में शेयर बाजार काफी हद तक वैश्विक रुझानों से ही तय होंगे। विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति भी घरेलू शेयर बाजारों की चाल को प्रभावित करेगी।
स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, “स्पष्ट वैश्विक संकेतों के अभाव में बाजार का रुख मजबूती की उम्मीद में संभवतः अमेरिकी बॉन्ड के प्रतिफल, डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमतों के साथ-साथ संस्थागत निवेश पर निर्भर करेगा।”
उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म होने तक बाजार की स्थिरता प्रभावित हो सकती है और उस समय तक बाजार का एक स्पष्ट रुझान सामने आ सकता है।
अगस्त से ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) बड़े पैमाने पर भारतीय बाजारों से पूंजी की निकासी कर रहे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि अगस्त से लेकर 15 नवंबर तक एफपीआई ने कुल मिलाकर 83,422 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की है।
हालांकि इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 77,995 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की। डीआईआई के साथ व्यक्तिगत निवेशकों की खरीदारी ने एफपीआई की बिक्री को पूरी तरह से बेअसर कर दिया।
विजयकुमार ने कहा कि डीआईआई और व्यक्तिगत निवेशकों की लिवाली का ही असर है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी एक बार फिर 19,700 के आसपास मौजूद है जहां वह अगस्त की शुरुआत में था।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, “बाजार वैश्विक और घरेलू व्यापक-आर्थिक आंकड़ों, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल, कच्चे तेल के भंडारण, एफआईआई एवं डीआईआई के निवेश रुझान और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर ध्यान केंद्रित करेगा।”
पिछले सप्ताह बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 890.05 अंक यानी 1.37 प्रतिशत उछल गया, जबकि निफ्टी में 306.45 अंक यानी 1.57 प्रतिशत की तेजी रही। बीते सप्ताह बैंकिंग को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्र इस तेजी में शामिल रहे और मजबूत लाभ दर्ज किया।
व्यापक सूचकांकों ने अपनी उछाल बरकरार रखी और मिडकैप सूचकांक ने भी दो महीने के बाद अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल कर ली। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा, “वैश्विक संकेत काफी हद तक इस प्रवृत्ति को तय कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति आने वाले सप्ताह में भी जारी रहेगी।”