नई दिल्ली। Non basmati Rice : कुछ गैर बासमती चावल के निर्यात पर अंकुश का असर अब गैर बासमती चावल के कुल निर्यात पर तेजी से दिखने लगा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान गैर बासमती चावल के निर्यात में 23 फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि इस अवधि में बासमती चावल के निर्यात में इजाफा हुआ है। देश से प्रमुख कमोडिटी के निर्यात में भी इस वित्त वर्ष कमी आ रही है।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 की अप्रैल-सितंबर अवधि में 68.82 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 89.54 लाख टन था। इस तरह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में गैर बासमती चावल के निर्यात में 23.14 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।
गैर बासमती चावल का निर्यात घटने की वजह सरकार द्वारा इस साल जुलाई महीने में गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना है। इस चावल की कुल गैर बासमती चावल में 25 फीसदी हिस्सेदारी है। इस चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के करीब सवा दो महीने में कुल निर्यात 23 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। ऐसे में आगे इसके निर्यात में और गिरावट आ सकती है।
इस बीच, बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। वर्ष 2023-24 की अप्रैल-सितंबर में 23.08 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ है, जो पिछले साल की समान अवधि में निर्यात हुए 21.56 लाख टन बासमती चावल से 7 फीसदी अधिक है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रमुख कमोडिटी के निर्यात में भी सुस्ती देखी जा रही है। वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में 1,219 करोड़ डॉलर मूल्य की प्रमुख कमोडिटी का निर्यात हुआ है, जो पिछले साल की समान अवधि के 1,359 करोड़ डॉलर की तुलना में 11.44 फीसदी कम है।
मूल्य के लिहाज अनाजों के निर्यात में करीब 24 फीसदी, फूलों के निर्यात में 13 फीसदी और पशु उत्पादों के निर्यात में करीब आधा फीसदी गिरावट आई है। हालांकि प्रसंस्कृत फल-सब्जी के निर्यात में करीब 5 फीसदी और ताजे फल व सब्जी के निर्यात में करीब 14 फीसदी इजाफा हुआ है।