अक्टूबर महीने के लिए रिकॉर्ड 43 लाख लोगों ने जीएसटीआर-3बी भरा
नई दिल्ली/कोटा । जीएसटीएन ने टैक्सपेयर्स को एक बड़ी राहत देते हुए मंगवार से अगस्त, सितंबर और अक्टूबर महीनों के जीएसटीआर-3बी में सुधार करने की सुविधा शुरू कर दी।
हालांकि यह छूट सिर्फ ‘सबमिट’ हो चुके रिटर्न तक मिलेगी, पूरी तरह ‘फाइल्ड’ और प्रोसेस हो चुके रिटर्न में संशोधन अभी मुमकिन नहीं होगा। जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में भी अब तेजी आई है और अक्टूबर महीने के लिए सबसे ज्यादा 43.67 लाख लोगों ने जीएसटीआर-3बी भरा है।
इंडस्ट्री की मांग पर जीएसटीएन पिछले कई हफ्तों से असेसीज को ‘रिसेट’ की सुविधा मुहैया कराने पर काम कर रहा था। अधिकारियों और टैक्स प्रोफेशनल्स ने मंगलवार से यह सुविधा शुरू होने की पुष्टि की।
जीएसटी एक्सपर्ट सुधीर हालाखंडी ने बताया, ‘यह बड़ी राहत है। अब तक अगर किसी डीलर ने इनपुट और आउटपुट के आंकड़े सबमिट कर दिए तो इसे ठीक करने का कोई प्रावधान नहीं था। इस सबमिटेड रिटर्न को फाइल करने के लिए गलत आंकड़ों से बनी डिमांड को जमा कराना होता था।
ऐसा नहीं करने पर रिटर्न फाइल न होकर सबमिट ही रह जाता था। उसके बाद आप अगला कोई रिटर्न नहीं भर पाते थे।’
जीएसटीएन के सीईओ प्रकाश कुमार ने बताया कि कॉमन पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाने की दिशा में लगातार कामयाबी मिल रही है। इससे रिटर्न फाइलिंग में भी तेजी आई है।
20 नवंबर तक 56 पर्सेंट लोगों ने अक्टूबर का जीएसटीआर-3बी भरा है, जो एक रिकॉर्ड है। अगस्त में 28.46 लाख और सितंबर में 39.33 लाख जीएसटीआर-3बी भरे गए थे, जबकि अक्टूबर के लिए 43.67 रिटर्न भरे गए हैं। आखिरी दिन 20 नवंबर को सबसे ज्यादा 14.76 लाख रिटर्न भरे गए जो एक नया रिकॉर्ड है।
अब तक रिटर्न भरने में पंजाब के असेसी सबसे आगे हैं। वहां करीब 73 पर्सेंट असेसीज ने अक्टूबर महीने का रिटर्न भरा है। अक्टूबर महीने का टैक्स जमा कराने की आखिरी तारीख भी 20 नवंबर थी और रिटर्न की तादाद से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस महीने रेवेन्यू पिछले तीन महीनों के मुकाबले कहीं ज्यादा रह सकता है।
सितंबर की सप्लाई से अक्टूबर में सरकार को कुल करीब 95,000 करोड़ जीएसटी मिला था। इसमें सभी मदों मे दिल्ली की हिस्सेदारी करीब 1900 करोड़ थी, जो कंपनसेशन लॉ के तहत मंथली रेवेन्यू लॉस की सीमा से ज्यादा है। अभी तक ज्यादातर राज्य अपने रेवेन्यू लॉस की सीमा से नीचे चल रहे हैं। अक्टूबर में हुई फेस्टिव से सबसे सबसे ज्यादा टैक्स आने का अनुमान है।
जीएसटी रिटर्न को सरल बनाने पर विचार करेगी समिति
सरकार ने जीएसटीएन के चेयरमैन अजय भूषण पांडे की अध्यक्षता में मंगलवार एक समिति बनाई, जो मौजूदा वित्त वर्ष में रिटर्न फाइलिंग की जरूरतों पर विचार करेगी।
इस समिति में गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और आंध्र प्रदेश के कर आयुक्त शामिल हैं। समिति सुझाव देगी कि क्या नियमों, कानून और प्रारूप में किसी तरह के बदलाव की जरूरत है।
समिति अपनी रिपोर्ट 15 दिसंबर तक दाखिल कर देगी। पांडे ने कहा, ‘सरलीकरण के लिए हम विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे और विभिन्न भागीदारों की राय लेंगे। इसके पीछे हमारा कुलमिलाकर उद्देश्य यही है कि मामूली कारोबार वाले या भविष्य में इस्तेमाल के लिए पंजीकरण करा
चुके लोगों के लिए जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी दाखिल करना आसान बनाया जा सके।’ जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल पर रिटर्न दाखिल करने वाली लगभग 40 पर्सेंट इकाइयों की कर देनदारी शून्य है।
जीएसटी परिषद ने रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया सरल बनाने के उपाय सुझाने के लिए यह समिति गठित की है। इसके साथ ही जीएसटीआर-2 व जीएसटीआर-3 की फाइलिंग को 31 मार्च तक स्थगित रखने का फैसला किया गया है।