तीन बार के विधायक भवानी सिंह राजावत ने पार्टी के अधिकृत तौर पर घोषणा किए बिना ही बुधवार को लाडपुरा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपना पर्चा दाखिल कर दिया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि पार्टी इसे बगावत न समझे। साथ ही ढ़के-छुपे शब्दों में यह चेतावनी भी दी कि जरूरत पड़ी तो वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी अपना नामांकन पर्चा भर सकते हैं।
–कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। Ladpura assembly seat: राजस्थान में कोटा जिले की लाडपुरा विधानसभा सीट के लिए तीन बार के विधायक भरत सिंह राजावत ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन भर दिया। हालांकि अभी पार्टी ने इस विधानसभा सीट से अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
इस संबंध में श्री राजावत ने कहा कि उन्होंने अपना नामांकन भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में दाखिल किया है, लेकिन आवश्यकता हुई तो वह बाद में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी अपना नामांकन भर सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट ऐलान नहीं किया कि यदि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो क्या वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना भाग्य आजमायेंगे?
श्री राजावत अपनी पूर्व की घोषणा के अनुरूप बुधवार दोपहर स्टेशन रोड पर खेड़ली फाटक के पास स्थित नेहरू पार्क के पास अपने समर्थकों के साथ जमा हुए और बाद में वहां से रैली के रूप में कलेक्ट्री के लिए रवाना हुए, जहां पहुंचकर उन्होंने निर्वाचन कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया।
बाद में कलक्टरी परिसर में श्री राजावत ने नामांकन भरने के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन भरा है। लेकिन पार्टी को इसे उनकी बगावत के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि उनके नाम पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। क्योंकि भाजपा के अपने सर्वे में भी वे टॉप पर है। मतदाता उन्हें प्रत्याशी के रूप में देखना चाहते हैं इसलिए पार्टी को भी उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि श्री राजावत वर्ष 2003 से लगातार तीन बार लाडपुरा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले कोटा का पूर्व राज परिवार भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा था तो भारतीय जनता पार्टी ने श्री राजावत का टिकट काटकर राज परिवार की सदस्य श्रीमती कल्पना देवी को अपना प्रत्याशी बनाया था।
कल्पना देवी के पति इज्यराज सिंह पूर्व में कोटा-बूंदी संसदीय सीट से कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं और पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हारने के बाद विगत विधानसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया था। इसी के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी श्रीमती कल्पना देवी को श्री राजावत के स्थान पर अपना प्रत्याशी बनाया था। जिन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती शहनाज बेगम को हराकर लगातार चौथी बार यह सीट भाजपा के खाते में डाली थी।
इस बार भी श्रीमती कल्पना देवी भाजपा के टिकट की दावेदार हैं, लेकिन श्री राजावत ने भी पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा-समर्पण को देखते हुये पार्टी नेतृत्व से अपने लिए टिकट की मांग की है। उनका तर्क यह है कि पिछली बार तो उन्होंने इसलिए पार्टी टिकट की दावेदारी छोड़ दी थी, चूंकि कोटा का पूर्व राजपरिवार भाजपा से जुड़ रहा था तो उन्होंने व्यक्तिगत हितों को त्याग कर श्रीमती कल्पना देवी को भाजपा प्रत्याशी के रूप में स्वीकार किया था।
श्री राजावत ने कहा कि पार्टी उनके नामांकन को बगागत के रूप में नहीं देख कर उनकी दावेदारी के रूप में देखें। वे तीन बार यहां से विधायक रहे हैं। पार्टी के प्रति पिछले 45 सालों से पूरी निष्ठा के साथ काम करते रहे हैं। पार्टी के लिए काम करते हुए ही उनके ऊपर लगभग एक सौ मुकदमें लगे हैं और वे अब तक राजस्थान के आधी जेलें देख चुके हैं।
पार्टी को उनकी निष्ठा और समर्पण को देखते हुए टिकट पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। यदि पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय के रूप में भी अपना नामांकन भरेंगे और अगर कार्यकर्ता चाहेंगे तो चुनाव भी लड़ सकते हैं। पार्टी को उनके नाम पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
हालांकि श्री राजावत ने खुले रुप में तो नहीं कहा, लेकिन उन्होंने अप्रत्यक्ष रुप से पार्टी नेतृत्व को भी चेतावनी दी है कि वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी अपना नामांकन पर्चा भर सकते हैं और पार्टी के टिकट न देने की स्थिति प्रत्याशी के रूप में चुनाव भी लड़ सकते हैं।
इस बीच पूर्व में दो बार कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर चुनाव हार चुके नईमुद्दीन गुड्डू ने भी लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करने का फैसला किया है। वे 3 नवम्बर को अपना नामांकन भरेंगे। वर्ष 2008 में श्री राजावत ने अपना दूसरा विधानसभा चुनाव नईमुद्दीन गुड्डू को हराकर ही जीता था। बाद में कांग्रेस ने वर्ष 2013 में फिर नईमुद्दीन गुड्डू को अपना प्रत्याशी बनाया था।
तब भी श्री राजावत ने लगातार दूसरी बार उन्हें हराया। पिछले विधानसभा चुनाव में नईमुद्दीन गुड्डू को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी नहीं बनाया, लेकिन उनके स्थान पर उनकी पत्नी श्रीमती शहनाज बेगम को टिकट दिया तो भाजपा की नवागंतुक प्रत्याशी श्रीमती कल्पना देवी ने उन्हें चुनाव हरा कर यह सीट चौथी बार पार्टी के खाते में दर्ज करवाई थी।
पिछले तीन चुनावों में लगातार नईमुद्दीन गुडडू परिवार हारता रहा है और इस बार भी उन्होंने दावेदारी जताई। हालांकि अभी पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इस सीट से अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा भी चाहिए और कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, रामगंजमंड़ी और पीपल्दा की तरह लाडपुरा सीट पर भी प्रत्याशी के नाम को होल्ड पर रखा हुआ है।
जिस तरह से कांग्रेस ने पिछली पांच सूचियों में लगातार दो से तीन बार तक चुनाव हार चुके प्रत्याशियों को भी इस बार के चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है तो ऐसे में नईमुद्दीन गुड्डू की भी हौसला अफजाई हुई है और उन्होंने पार्टी के टिकट पर दावेदारी जताई हुई है।