टिकट नहीं मिलने से नाराज ज्योति खंडेलवाल ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा

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जयपुर। Election News: राजस्थान में सरकार रिपीट करने का दावा करने वाली कांग्रेस को विधानसभा चुनाव से पहले एक और झटका लगा है। कांग्रेस की एक और नेता हाथ को छिटकते हुए ‘कमल’ के समर्थन में आ गई हैं। जयपुर नगर निगम की पूर्व महापौर और लोकसभा चुनाव में जयपुर से कांग्रेस की प्रत्याशी रही ज्योति खंडेलवाल शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गईं।

ज्योति खंडेलवाल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रही हैं और सचिन पायलट की समर्थक भी। टिकट वितरण की आशंकाओं के बीच ज्योति खंडेलवाल ने कांग्रेस को झटका देते हुए हाथ का साथ छोड़ दिया है। विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन की आशंकाओं के बीच ज्योति ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी ज्योति खंडेलवाल ने किशनपोल सीट से दावेदारी पेश की थी लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इससे ज्योति काफी नाराज हुई थी और उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस ने नाराज ज्योति ने राहुल गांधी को खुला पत्र भी लिखा था। बाद में कांग्रेस ने ज्योति को लोकसभा चुनाव में जयपुर सीट से टिकट दिया था।

ज्योति खंडेलवाल जयपुर की पार्षद रह चुकी हैं। वे सीधे चुनाव में नगर निगम की महापौर भी रह चुकी हैं। महापौर के सीधे चुनाव में ज्योति खंडेलवाल ने भाजपा की सुमन शर्मा को भारी मतों से हराया था। पिछले 20 साल से कांग्रेस में सक्रिय रही ज्योति खंडेलवाल ने अब बीजेपी का दामन थाम लिया।

ज्योति खंडेलवाल जयपुर के परकोटा क्षेत्र में रहती हैं। वे वहीं से दो बार पार्षद रही हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान भी परकोटा क्षेत्र से काफी वोट प्राप्त किये थे। पिछली बार विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने ज्योति को टिकट ना देकर अमीन कागजी को टिकट दिया था। इस बार भी ज्योति खंडेलवाल ने दावेदारी जताई लेकिन कांग्रेस ने किशनपोल सीट से फिर से अमीन कागजी को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इससे नाराज होकर ज्योति भाजपा में आ गई। अब अगर भाजपा किशनपोल से उन्हें प्रत्याशी बनाती है तो कांग्रेस की मुश्किलें बढना तय है।

हवामहल में भी समीकरण बिगाड़ सकती है ज्योति
ज्योति खंडेलवाल ना केवल किशनपोल बल्कि हवा महल सीट पर भी कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ सकती है। परकोटा क्षेत्र की पार्षद और जयपुर की महापौर रहते हुए वे लगातार परकोटा क्षेत्र में व्यस्त रही हैं। लगातार 20 साल तक सक्रिय राजनीति में रहने के कारण हजारों लोगों से उनका सीधा संबंध हैं। ऐसे में अगर पार्टी उन्हें हवामहल से प्रत्याशी घोषित करे तो भी वे कांग्रेस प्रत्याशी के लिए बड़ा सिरदर्द बनेंगी।