नई दिल्ली। Women Reservation and Assembly Seats: संसद के निचले सदन लोकसभा और राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने के लिए मंगलवार को ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे 128वें संविधान संशोधन विधेयक, 2023 के रूप में सदन के पटल पर रखा। अब बुधवार को इस पर सदन में चर्चा होगी। नए संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है।
सरकार ने कहा है कि महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद लोकसभा में कुल 181 महिला सांसद हो जाएंगी। बिल का उद्देश्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नीति-निर्माण में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सक्षमबनाना है। इसमें कहा गया है कि परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा। विधेयक के अनुसार, प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की अदला बदली होगी।
किस विधानसभा में कितनी नारियां
राज्य | कुल सीट | आरक्षण के बाद महिलाओं की संख्या |
आंध्र प्रदेश | 175 | 58 |
अरुणाचल प्रदेश | 60 | 20 |
असम | 126 | 42 |
बिहार | 243 | 81 |
छत्तीसगढ़ | 90 | 30 |
दिल्ली | 70 | 23 |
गोवा | 40 | 13 |
गुजरात | 182 | 61 |
हरियाणा | 90 | 30 |
हिमाचल प्रदेश | 68 | 23 |
जम्मू-कश्मीर | 90 | 30 |
झारखंड | 81 | 27 |
कर्नाटक | 224 | 75 |
केरल | 140 | 47 |
मध्य प्रदेश | 230 | 77 |
महाराष्ट्र | 288 | 96 |
मणिपुर | 60 | 20 |
मेघालय | 60 | 20 |
मिजोरम | 40 | 13 |
नागालैंड | 60 | 20 |
ओडिशा | 147 | 49 |
पुद्दुचेरी | 30 | 10 |
पंजाब | 117 | 39 |
राजस्थान | 200 | 67 |
सिक्किम | 32 | 11 |
तमिलनाडु | 234 | 78 |
तेलंगाना | 119 | 40 |
त्रिपुरा | 60 | 20 |
उत्तर प्रदेश | 403 | 134 |
उत्तराखंड | 70 | 23 |
पश्चिम बंगाल | 294 | 98 |