काशी विश्वनाथ की तर्ज पर हो पाटनपोल नंदग्राम का विकास

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बड़े मथुराधीश टेंपल बोर्ड ने बनाया विकास का रोडमेप

कोटा। देश में वल्लभ संप्रदाय की सप्तपीठ में से प्रथम पीठ कोटा में श्री मथुराधीश मंदिर के रूप में मौजूद है। यदि काशी विश्वनाथ की तर्ज पर नंदग्राम के नाम से प्रसिद्ध कोटा के पाटनपोल को रिवर फ्रंट से जोड़ा जाए तो हाडोती में धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। प्रथम पीठ के युवराज गोस्वामी मिलन कुमार बावा ने बुधवार को पत्रकारों वार्ता में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि नाथद्वारा में श्रीनाथ जी के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते हैं। वे सभी प्रथम पीठ के दर्शन करने के लिए कोटा आना चाहते हैं, लेकिन आधारभूत ढांचा विकसित नहीं होने के कारण कोटा में पर्यटकों का अभाव रहता है। उन्होंने कहा कि श्री मथुराधीश मंदिर तकरीबन 550 साल पुराना है और यहां पर तकरीबन 350 साल से मथुराधीश प्रभु विराजमान हैं।

इस प्राचीन मंदिर को बिना छेड़छाड़ किए हुए श्री बड़े मथुराधीश टेंपल बोर्ड सौंदर्यकरण कराएगा। वहीं ठाकुर जी के उत्सव करने के लिए भव्य प्रांगण में ऑडिटोरियम बनाया जाएगा। श्री मथुराधीश मंदिर की रिवर फ्रंट से पैदल दूरी केवल 5 मिनट की है।

मंदिर के पीछे का कॉरिडोर रिवर फ्रंट को टच करता है। यहां बृजेश्वर जी के मन्दिर पर पार्किंग बनाने की प्लानिंग चल रही है। यहीं पर श्री विट्ठलनाथ जी की पाठशाला है। जहां पर धर्मशाला का निर्माण कार्य कराया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि श्री बड़े मथुराधीश टेंपल बोर्ड ने विकास का पूरा रोड मेप बना लिया है और इसको लेकर दो-तीन दौर की वार्ता केंद्र और राज्य सरकार से भी हो चुकी है। दोनों सरकारें इस दिशा में कार्य करने के लिए सकारात्मक आश्वासन दे रही हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक टेंपल बोर्ड की ओर से कार्य प्रारंभ कर दिए जाएंगे। इस दिशा में सरकार को भी जल्दी ही प्रस्ताव बनाकर आगे आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जब तक होटल और धर्मशाला नहीं बनेंगे तब तक दूसरे प्रदेशों के पर्यटक नहीं आ पाएंगे। बाहर के दर्शनार्थी, भक्त और पर्यटक आएंगे तो आर्थिक समृद्धि भी आएगी। इसके लिए पाटनपोल के बाजार का फ्रंट लिफ्ट एक जैसा बना सकते हैं।

अभी मंदिर के पास केवल 100- 200 दर्शनार्थियों के लायक ढांचा विकसित है। इसे 500 से 1000 दर्शनार्थी, भक्त और पर्यटकों के हिसाब से विकसित किए जाने की आवश्यकता है। टेंपल बोर्ड ने विकास का अपना प्लान बनाया है। वहीं सरकार का प्रपोजल भी इसी अनुसार मेल खाए तो धार्मिक दृष्टि से विकास आगे बढ़ेगा।