इंदौर। Soybean Crushing: चालू तेल वर्ष के दौरान सोयाबीन की पेराई खूब हो रही है। जुलाई महीने तक पेराई में 32 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ है। पेराई बढ़ने की वजह सोयाबीन की उपलब्धता अधिक होना है। पेराई में वृद्धि के बावजूद खाद्य तेलों के भारी आयात के कारण सोयाबीन का कैरी ओवर स्टॉक उच्च स्तर पर पहुंच सकता है। पेराई बढ़ने से सोया खली के निर्यात में भारी इजाफा हुआ है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार तेल वर्ष (अक्टूबर से सितंबर) 2022-23 में जुलाई तक 92.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 70 लाख टन था। इस तरह चालू तेल में पेराई में करीब 32 फीसदी इजाफा हुआ है। जुलाई में 7.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई है, जो पिछले साल जुलाई व इस साल जून महीने में हुई पेराई के बराबर है।
सोयाबीन का कैरी फॉरवर्ड स्टॉक
सोयाबीन की पेराई में 32 फीसदी बढ़ोतरी के बावजूद चालू तेल में पेराई के लिए उपलब्ध पूरे सोयाबीन की पेराई नहीं हो पाएगी। इस तेल वर्ष में कैरी ओवर स्टॉक, उत्पादन व आयात मिलाकर सोयाबीन की कुल उपलब्धता 154.26 लाख टन रही। इसमें 13 लाख टन बीज के लिए निकालने के बाद पेराई के लिए उपलब्धता 141.26 लाख टन बची। इसमें अब तक 92.50 लाख टन पेराई, 3.70 लाख टन सीधे खपत व करीब 20 हजार टन निर्यात निकालने के बाद अभी किसान, कारोबारी और सोयाबीन प्लांटों के पास करीब 44.90 लाख टन सोयाबीन बचा हुआ है। पेराई के लिए दो महीने बचे हैं। सोपा ने अगले तेल वर्ष के लिए सोयाबीन का कैरी फॉरवर्ड स्टॉक करीब 32 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। चालू तेल वर्ष में कैरी ओवर स्टॉक करीब 25 लाख टन रहा।
सोया खली निर्यात बढ़कर 17 लाख टन के करीब
चालू तेल वर्ष में सोया खली की निर्यात मांग भी खूब निकल रही है। सोपा के अनुसार इस तेल वर्ष की अक्टूबर—जुलाई अवधि के दौरान 16.72 लाख टन सोया खली का निर्यात हो चुका है। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 5.95 लाख टन था। जाहिर है चालू तेल वर्ष में अब तक सोया खली के निर्यात में करीब 3 गुना बढोतरी देखी गई है। जुलाई में करीब 75 हजार टन सोया खली निर्यात हुई, जो पिछली समान में निर्यात हुई करीब 31 हजार टन सोया खली से दोगुनी से भी अधिक है।