श्री कृष्ण-रुकमणी विवाह प्रसंग सुन झूमे भक्त, पूर्णाहुति आज

0
95

कोटा। गीता भवन परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन मंगलवार को श्रीकृष्ण एवं रूक्मणी विवाह प्रसंग की जीवंत झांकी सजाई गई। कथाव्यास हर्षभट्ट महाराज ने महारास कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि संपूर्ण भागवत भगवान का वांग्मय स्वरूप है। दशम स्कंध भगवान का हृदय है और गोपी गीत भगवान के पंचप्राण है।

महारास कथा भगवान की काम विजय कथा है। जो संदेह रहित होकर महारास की कथा को श्रद्धा और भाव के साथ श्रवण करता है। उसके मन के सभी विकार समाप्त होकर भगवान की भक्ति की प्राप्ति होती है। गोपियों के साथ महारास का मतलब यह कोई स्त्री पुरुष का रास नहीं बल्कि यह तो ब्रह्म और प्रकृति का दिव्य महारास है। जो निरंतर चल रहा है।

गोपी उद्धव संवाद के प्रसंग में महाराज ने प्रेम का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में प्रेम का होना बहुत जरूरी है। प्रेम और भक्ति के द्वारा ही भगवान की प्राप्ति होकर हम जन्म मरण के चक्कर से छूट जाते हैं। हमारा जीवन सफल हो जाता है।

कथा का विश्राम रुक्मणी कृष्ण विवाह के साथ बड़ी धूमधाम से झांकी के साथ संपन्न हुआ। सभी भक्तजनों को विवाह उत्सव पर प्रसाद वितरण किया गया।
रुकमणी विवाह में सभी भक्तों ने भाव विभोर होकर भजनों पर नृत्य करते हुए आनंद प्राप्त किया। कथा के आरंभ में कथा के मुख्य यजमान मित्तल परिवार ने व्यास पीठ का सपरिवार पूजन अर्चन कर आरती की।

कथा के दौरान कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा, अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन राजस्थान के संभागीय अध्यक्ष डॉ. आरके राजवंशी, राजेंद्र शर्मा, श्याम परिवार के अध्यक्ष जयंत अग्रवाल, नवीन राठौर, वरुण बत्रा, जगदीश अग्रवाल प्रॉपर्टी, राजकुमार गोयल, सुरेश सिंघल, सुशील अग्रवाल, प्रवीण कालरा, सुधीर सरोजा, भजन प्रवाहक चंद्रमोहन गर्ग, लोकमणि गुप्ता, सुरेन्द्र जैन, राधेश्याम मंगल, हुकम मंगल, हनुमान गुप्ता, गोदावरी धाम से सेवादार अरुणा शर्मा, पं. बेनीमाधव, बालमुकंद खंडेलवाल, मोहनलाल गोयल, कमल गोयल सहित कईं भक्तों ने वंदन किया।

मुख्य यजमान राजेश मित्तल ने बताया कि प्रतिदिन 2 से 6 बजे तक कथा आयोजित की जा रही है। श्रीमदभागवत कथा के सातवें दिन बुधवार को भगवान का वंश विस्तार, सुदामा चरित्र, दत्त चरित्र तथा परीक्षित मोक्ष की कथा का वाचन किया जाएगा। उसी दिन कथा का पूर्णाहुति भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को हवन होगा।