पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग की सहायक निदेशक लीना चावला का प्रयास
कोटा। कई तो प्रतिभाएं होती हैं जो एक क्षेत्र में महारथ रखती हैं, लेकिन कई बहुमुखी प्रतिभाओं के धनी होते हैं जो किसी भी क्षेत्र में जाते हैं तो वहां भी मुकाम हांसिल करते हैं। अपने दायित्व को कर्तव्यपूर्ण रूप से निभाना और उसमें भी सेवा की सोच रखने वाले अधिकारी तो मिलते हैं, लेकिन सहायक निदेशक पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग (Pension and Pensioners Welfare Department) क्षेत्रीय कार्यालय कोटा में पदस्थापित लीना चावला की कार्यशैली ने सभी को प्रभावित किया है।
पेंशनर्स की हर समस्या का समाधान वह त्वरित और समयबद्ध रूप से कर रही हैं। बुजुर्ग वहां आते हैं तो खुश होकर जाएं, उन्हें चक्कर नहीं लगाने पड़ें। उनकी उम्र के साथ उनकी क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए उनका पूरा ध्यान पेंशनर्स विभाग में रखा जा रहा है। जब काम समय से पूर्व हो जाता है और बुजुर्ग खुश होते हैं तो ढेर सारा आशीर्वाद देते हैं। उनके चेहरे की खुशी देखकर मन प्रफुल्लित हो उठता है।
सेवा करनी थी इसलिए यह क्षेत्र चुना
लीना चावला ने बताया कि वह शुरू से ही मेधावी छात्रा रही, अपनी सारी पढ़ाई सीबीएसई से प्राप्त स्कॉलरशिप के द्वारा की है। दसवीं में 90 प्रतिशत और 12वीं में 95 प्रतिशत बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में किया। साथ ही कॉलेज भी टॉप किया। प्रोफेशन भी सेवा के क्षेत्र में ही करना चाहती थी। इसलिए कई एग्जाम एक बार में ही पास तो किए लेकिनज्वाइन नहीं किया। उसके बाद आरएएस (राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा) का एग्जाम दिया, जिसमें राजस्थान में गर्ल्स कैटेगरी में 9वीं रैंक हासिल की।
कोई भी पेंशनर्स परेशान नहीं हो
कड़ी मेहनत और लगन के साथ मम्मी-पापा और भाई ने पूरा सपोर्ट किया। पूर्व में 4 साल सहायक आयुक्त जीएसटी के पद पर भी कार्य किया एवं वर्तमान में सहायक निदेशक के पद पर पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग में पदस्थापित है। चावला पूरे कार्यालय में सबसे युवा महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने पेंशन प्रकरण निस्तारण को एक अभियान की तरह चलाया है। कोशिश रहती है कि कोई भी पेंशनर्स परेशान नहीं हो, उसके प्रकरण का त्वरित निदान किया जा सके।
दो से तीन दिन में निस्तारण का प्रयास
पेंशन विभाग में पेंशनर्स की किसी भी तरह की समस्या हो, पारिवारिक पेंशन हो या रिवीजन के पेंशन प्रकरण हो सभी प्रकरणों को महज दो से तीन दिन में निस्तारण करने का प्रयास विभाग द्वारा सभी के समन्वय स्थापित कर किया जाता है। साथ में नई पेंशन प्रणाली जो कि अभी शुरू हुई है आईएफएमएस 3.0 के तहत भी हम कोटा जॉन जिसमें कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ आते हैं इन्हें राजस्थान में प्रथम बनाए रखने में निरंतर प्रयासरत रहते हैं। हमारा ध्येय यही है कि सभी कर्मचारी एवं अधिकारी को एक दिन पेंशनर्स बनना है इसलिए पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ में अपने दायित्वों का निर्वहन करती हूं।
प्रतिभाओं का खजाना, कथक में महारथ
लीना चावला में प्रतिभा की कमी नहीं है। वह हर क्षेत्र में पूरी लगन से काम करती हैं। 8 साल की उम्र में डांस सीखना शुरू किया। राष्ट्रपति अवार्ड प्राप्त बरखा जोशी से कथक नृत्य एवं लोक नृत्य जैसे कि चरी डांस कालबेलिया, भवाई नृत्य सीखे एवं कई जिला व राज्य स्तरीय पुरस्कार भी जीते। एक आर्टिस्ट रहते हुए कई मंचों की शोभा बढाई। लीना चावला की इंग्लिश एंकरिंग बेहद ही सराहनीय रही है। शब्दों पर उनकी पकड कार्यक्रम में नई उर्जा का संचार करती है। वह लोगों से कहना चाहती हैं कि अपने काम के साथ सपनों को भी साकार करने का पूरा प्रयास करना चाहिए ताकि मन शांत रहे और हम एक सहज रूप से प्रदेश और देश के विकास में भागीदार बन सकें।