नई दिल्ली। RBI Monetary Policy Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक 8 अगस्त से शुरू हो जाएगी। ये बैठक 10 अगस्त तक चलेगी। इस बैठक का फैसला आरबीआई के अध्यक्ष 10 अगस्त को सुनाएंगे। कई विशेषज्ञों ने कहा कि रिजर्व बैंक अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लेगी। देश में महंगाई और आर्थिक विकास की गति को बनाए रखने के लिए उधार लेने की लागत को स्थिर रखने की चिंता बनी हुई है।
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 8-10 अगस्त को होने वाली है। इस बाठक में नीतिगत निर्णय की घोषणा 10 अगस्त को गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा की जाएगी। एमपीसी की आखिरी बैठक 6-8 जून के दौरान हुई थी।
देश में पिछले साल मई में उधार लेने की लागत को बढ़ाया गया था। वहीं, आरबीआई ने फरवरी के बाद से रेपो रेट को 6.5 फीसदी को बढ़ा कर 6.25 फीसदी किया गया था। पिछले बैठक में भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया था।
सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे। केंद्रीय बैंक अपने द्विमासिक मौद्रिक नीति निर्णय पर पहुंचने के लिए सीपीआई को ध्यान में रखता है।
खुदरा मुद्रास्फीति दर
देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.81 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें सख्त होना है। हालाँकि, मुद्रास्फीति आरबीआई के 6 प्रतिशत से नीचे के आरामदायक स्तर के भीतर बनी हुई है। 14 अगस्त को जुलाई के महंगाई आंकड़े जारी होंगे।