-कृष्ण बलदेव हाडा –
Student Suicide Or Murder: कोटा के कोचिंग संस्थानों और उनके बूते मोटा मुनाफ़ा कमा रहे हॉस्टल संचालकों के ‘दुर्भाग्य’ से संभवत यह पहला ऎसा अवसर आया है, जब किसी कोचिंग छात्र की मौत के संदिग्ध मामले को भी आत्महत्या का रूप देने की कोशिश किए जाने के बावजूद उसके आहत परिवारजनों की इच्छा शक्ति के कारण आत्महत्या की जगह हत्या का मामला दर्ज करना पड़ा।
इससे न केवल कोचिंग संस्थानों की गतिविधियां बल्कि इनके रहमों-करम पर पलने वाले वह हॉस्टल भी संदेह के गंभीर घेरे में आ गए हैं, जिन्हें हर साल करोड़ों रुपये खर्च करके प्रदेश के बाहर से आने वाले कोचिंग छात्र अच्छे बर्ताव की अपेक्षा में अपना आशियाना बनाते हैं।
कोटा में चार दिन पहले एक कोचिंग छात्र मनजोत सिंह जो नीट (NEET) की तैयारी कर रहा था, की इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र के रोड नंबर एक पर स्थित एक हॉस्टल में संदिग्ध अवस्था में मौत के मामले में उसके परिवारजनों के सख्त रवैया अपनाए जाने के बाद पहली बार संभवतः कोटा पुलिस को किसी कोचिंग छात्र की संदिग्ध मौत के मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
जबकि शुरुआत में इस मामले को भी आत्महत्या ही बता कर रफा-दफा करने की हर संभव कोशिश की गई थी, लेकिन सिख समुदाय की एकता के आगे आखिरकार कोटा के पुलिस प्रशासन को झुककर इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज करना पड़ा।
हालांकि ऐसे मुकदमों में जांच के विषय में यह भी शामिल किया जाना चाहिए कि आखिरकार कोटा में खासतौर पर एक ही कोचिंग संस्थान के छात्र-छात्राएं क्यों आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। यह एक गंभीर जांच का विषय है। प्रशासन को सामान्य सी बैठकें करने के बजाय उस कोचिंग संस्थान की शैक्षणिक गतिविधियों पर खासतौर से निगरानी रखते हुए जांच करनी चाहिए।
पिछले बुधवार की सुबह उत्तर प्रदेश के रामपुर निवासी एक कोचिंग छात्र मनजोत सिंह निजी होस्टल के कमरे में संदिग्ध अवस्था में पड़ा मिला, जिसके हाथ पीछे रस्सी से बंधे हुए थे और चेहरे पर प्लास्टिक की थैली लिपटी हुई थी। शुरूआती मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि छात्र ने आत्महत्या कर ली है, लेकिन जब इस बारे में सूचना मृतक छात्र के पिता हरजोत सिंह को दी गई तो उन्हें यकायक उस पर विश्वास नहीं हुआ।
उन्होंने उनके कोटा आने तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं करने की स्पष्ट चेतावनी के साथ अनुरोध प्रशासन से किया और जब वे शुक्रवार को कोटा आए तो उन्होंने स्पष्ट रूप से बता दिया कि उनके पुत्र ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या की गई। अविश्वास प्रकट कर रहे कोचिंग और न्याय व्यवस्था से जुड़े लोगों से न्याय की उम्मीद नहीं मिलने की आशंकाओं के बीच उन्होंने कोटा के सिख समाज से संपर्क किया।
शायद इस मामले को भी आत्महत्या बताकर दबा दिया जाता, लेकिन मृतक छात्र के जागरूक परिजनों ने अपनी भावनाओं पर काबू रख कर दोषी लोगों को सबक सिखाने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ होकर कार्यवाही करने की ठानी और यह तय किया कि वे इस मामले में न्याय हासिल करके रहेंगे।
उसके बाद में सिख समुदाय के प्रतिनिधि कोटा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ओर से पुलिस अधीक्षक से सीधे मिले और पूरी शिद्धत के साथ मामले में जांच करवाने का आग्रह किया।बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर जमा हो गए। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और इस मामले में पुलिस ने हॉस्टल मालिक, उसके प्रबंधक और कोचिंग छात्र मनजोत सिंह के एक साथी छात्र के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया, जिसकी जांच की जा रही है।
इसके अलावा कोचिंग छात्र की मौत के कारणों की वास्तविकता का पता लगाने के लिए चार डॉक्टरों की टीम से शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है। उसके बाद ही परिवार शव लेकर अपने पैतृक शहर की ओर लौटे।
एक और आत्महत्या: इस बीच कोटा में एक और कोचिंग छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। इस बार भी आत्महत्या करने वाला छात्र राजस्थान के बाहर का ही है। इस बार शुक्रवार की रात को किसी समय बिहार के मोतिहारी जिले के एक कोचिंग छात्र भार्गव मिश्रा (17) ने कोटा के महावीर नगर तृतीय में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
एक निजी आवास में पेइंग गेस्ट की हैसियत से रहने वाले कोचिंग छात्र भार्गव मिश्रा के आत्महत्या करने का पता शुक्रवार रात को उस समय लगा जब इसने रात करीब नौ बजे उसकी मां का फोन कॉल नही उठाया।
बाद में सूचना मिलने पर जब कमरे का दरवाजा खोल कर मकान मालिक अंदर पहुंचे, तब पता चला कि छात्र ने फांसी के फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली है। वह करीब चार महीने पहले ही कोटा में कोचिंग के लिए आया था।