जिला प्रशासन एवं पुलिस के सहयोग से शुरू किया गया ‘मिशन सारथी’
कोटा। Mission Saarathi:चंबल हॉस्टल एसोसिएशन एवं एलन स्टूडेन्ट वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आज एलन सम्यक सभागार में आयोजित कार्यशाला में हॉस्टल संचालकों ने कोचिंग छात्रों को पारिवारिक माहौल में रखने एवं मनोवैज्ञानिक रूप से उनको मजबूत बनाने के लिए सामूहिक रूप से शपथ ली, ताकि छात्रों को आत्महत्या जैसा कदम उठाने से रोका जा सके।
इस अवसर पर छात्र हित को सर्वोपरि रखते हुए उन्हें मोटिवेटेट करने के लिए अब हर हॉस्टल के स्तर पर काम किया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और हॉस्टल व्यवसाय ने ‘मिशन सारथी’ (Mission Saarathi) की भी लॉन्चिंग की। कार्यशाला में कोटा शहर के हजारों की तादाद में हॉस्टल संचालक, वार्डन, मैनेजर, कर्मचारी, लीज होल्डर एवं श्रमिकों ने भाग लिया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कोटा शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने कहा कि जिस तरह से पिछले दिनों में कोचिंग विद्यार्थियों द्वारा की गई आत्महत्याओं के पीछे हम यह मानते हैं कि कोटा कोचिंग, जिला व पुलिस प्रशासन, हॉस्टल व्यवसायियों का इसमें कोई दोष नहीं है।
लेकिन हमें उन कारणों पर जाना पड़ेगा जो इन आत्महत्याओं के पीछे है। हमें यह समझना होगा कि छोटे बच्चे जो परिवार छोड़कर हमारे पास आए हैं, इन्हें परिवार के रूप में उनको संभालना पड़ेगा। छोटी-छोटी बातों को लेकर वह तनाव में नहीं आए। हॉस्टल के माध्यम से इनका पूरा ध्यान रखा जाए तो, हम ज्यादा बेहतर मॉनिटरिंग कर सकेंगे।
इसके लिए कोटा पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन ने एक अलग से सेल का गठन भी किया है, जो इन कारणों की जांच कर रही है। हम सभी को इन हादसो को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास करने होंगे, जिससे कोटा कोचिंग के बारे में किसी भी प्रकार का भ्रामक प्रचार पूरे देश में नहीं हो। यह हम सबकी जिम्मेदारी भी बनती है।
कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि कोटा शहर की वर्तमान में आर्थिक धुरी कोचिंग व्यवसाय है। इसके चलते सभी ट्रेड्रो का व्यवसाय इससे जुड़ा हुआ है। लाखों की तादाद में लोगों को रोजगार मिला हुआ है। हमने वह समय देखा है, जब कोरोना काल में इस व्यवसाय के बंद होने से हर वर्ग पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया था।
हॉस्टल व्यवसाय में कार्यरत हर वर्ग की रोजी-रोटी इसी व्यवसाय से चल रही है। इसके लिए सभी हॉस्टल संचालकों स्टाफ वार्डनो को गंभीरता से बाहर से आने वाले विद्यार्थियों की पूरी सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना पड़ेगा। साथ ही उनको पारिवारिक माहौल देखकर अभिभावकों की तरह हमें उनका ध्यान रखना होगा।
इसके लिए सप्ताह में एक बार सभी बच्चों की एक संयुक्त मीटिंग संवाद होना आवश्यक है। इससे इस बात का पता चल जाएगा कि उन विद्यार्थियों को किसी प्रकार की कोई समस्या तो नहीं है। मनोवैज्ञानिक डॉक्टर हरीश शर्मा ने कहा कि कभी-कभी बच्चे घर से दूर रहने पर अकेलापन महसूस करने एवं हॉस्टल में रह रहे अन्य विद्यार्थियों द्वारा परेशान किए जाने से ऐसे कदम उठा लेते है।
ऐसे बच्चों के बारे में हॉस्टल वार्डन, गार्ड एवं हॉस्टल संचालक को पता चलता है तो उन बच्चों को संबल देने के लिए सभी तरह के प्रयास करना चाहिए। हमारे द्वारा 25 एक्सपर्ट साइकोलॉजिस्ट काउंसलर की टीम तैयार की गई है, जिसमें से 8 से 10 सदस्यों की टीम प्रत्येक हॉस्टल पर जाएगी और वहां के हॉस्टल वार्डन और संचालक व अन्य सदस्यों को प्रशिक्षण देगी।
विद्यार्थियों से बातचीत कर उन्हें अपने व्यवहार और परिवर्तन की जानकारी दी जाएगी। कमरे की सुविधाओं की भी जांच की जाएगी। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए टीम मेंबर्स के नंबर भी दिए जाएंगे। अगर कोई भी मामला सामने आता है तो पुलिस एवं जिला प्रशासन के सहयोग से टीम मौके पर पहुंचेगी और उसका समाधान का प्रयास करेगी।
हॉस्टल संचालको व स्टाफ को भी अपनी जिम्मेदारी का वहन करना होगा। क्षेत्र के नोडल अधिकारी गजेंद्र सिंह ने सभी होस्टल संचालकों स्टाफ वार्डन को आह्वान किया कि होस्टल संचालन में संवेदनशीलता के साथ बच्चों की भावनाओं का भी ध्यान रखें। अपनी पूरी जिम्मेदारी का निर्वहन करें, जिससे कोचिंग व्यवसाय की गतिशीलता बनी रहे।
उन्होंने कहा कि 20 वर्षो के अथक प्रयासों से आज कोटा कोचिंग देश मे इस मुकाम पर पहुंची है, जिसको हासिल करने के पीछे सभी का योगदान रहा है। विद्यार्थी हित हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए। हम खुद से सवाल करें कि जो व्यवहार हम विद्यार्थियों के साथ करते हैं, क्या यह उचित है। घर के बच्चों के साथ भी ऐसा ही किया जाना चाहिए।
हमें विद्यार्थियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखना है। यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम कोटा शहर की छवि को बिगड़ने नहीं दें। वे और ऐसी व्यवस्था कायम करें जिससे हमारा नाम देश की प्रमुख कोचिंग नगरी के रूप में कायम रह सके और इसकी गतिशीलता बनी रहे।
इसके लिए सभी को आत्मचिंतन करना होगा एवं संकल्प लेना होगा कि हम हर बच्चों के साथ एक अभिभावक की तरह अपना जिम्मेदारी को निभाएंगे। करीब 2 घंटे तक चली इस कार्यशाला में मौजूद सभी हॉस्टल संचालक वार्डन स्टाफ लीज होल्डर कर्मचारियों ने इस बात का संकल्प लिया कि हम बच्चों के रखरखाव उनकी सुरक्षा एवं मनोवैज्ञानिक सबल देने के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध रहेंगे। सभी ने खड़े होकर इस बात की शपथ भी ली।
इस अवसर पर चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवान बिरला, सचिव अशोक लड्ढा एवं पूर्व सचिव मनीष समधानी ने कहा कि चंबल हॉस्टल एसोसियेशन एवं एलेन स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में ‘मिशन सारथी’ अभियान का आगाज करेगी। आगे भी हम कोचिंग विद्यार्थियों को और अच्छा पारिवारिक माहौल देने के लिए पूरी तरह से तत्पर है।