कोटा। चीन और ईरान से आयात हो रहे लहसुन के कारण भारतीय किसानों के माल पर मंदी की तलवार लटक गई है। जब पैदावार कम होती है तो हमेशा भाव ऊपर जाते हैं। दो साल पहले लहसुन 250 रुपये किलो भी बिक चुका है।
आदर्श कोटा थोक फ्रूट एंड वेजिटेबल मर्चेंट यूनियन के अध्यक्ष निरंजन मण्डावत जो खुद एक लहसुन के थोक व्यापारी हैं, उनका कहना है राजस्थान की मंडियों में चाइना और ईरान का लहसुन आ चुका है। इसका असर कहीं न कही बहरतीय किसानों के माल पर पड़ने वाला है। (देखिए वीडियो)
इस वीडियो में हमने यही बताने का प्रयास किया है कि अगर ज्यादा मात्रा में विदेशी लहसुन आता है, तो फिर लहसुन के भाव बढ़ने के बजाय घटना शुरू हो जायेंगे। पिछली बार किसानों को भाव नहीं मिले थे तो उन्हें लहसुन फेंकना पड़ा था। इसलिए वीडियो में उन्होंने सलाह दी है कि भाव घटने से पहले किसान थोड़ा-थोड़ा माल बेचकर नुकसान से बच सकते हैं।