मानसून में देरी से घट सकता है इस साल सोयाबीन का रकबा

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नई दिल्ली। Soybean Sowing: मानसून में देरी और उचित भाव नहीं मिलने से इस साल सोयाबीन का रकबा घट सकता है। हालांकि बीते दिनों हुई बारिश के बाद सोयाबीन की बोआई अब जोर पकड़ने लगी है। देश में इस साल सोयाबीन करीब 124 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ है।

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के ताजा आंकड़ों के अनुसार 10 जुलाई तक 90.50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बोआई हो चुकी है, जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सोयाबीन का रकबा 55.50 लाख हेक्टेयर है।

सोपा के अनुसार मध्य प्रदेश में 42.66 लाख हेक्टेयर में, महाराष्ट्र में 30.79 लाख हेक्टेयर में, राजस्थान में 10.28 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया जा चुका है। सोपा के कार्यकारी निदेशक डी एन पाठक ने कहा कि सोयाबीन उत्पादक इलाकों में सोपा ने सोयाबीन की बोआई के बारे में शुरुआती सर्वे किया है।

इस सर्वे के अनुसार मानसून में देरी से सोयाबीन की बोआई प्रभावित हुई है। हालांकि बारिश होने के साथ ही बोआई अब जोर पकड़ने लगी है। सोपा के सर्वे के अनुसार 10 जुलाई तक करीब 90 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया जा चुका है, जो सरकारी आंकड़े 55 लाख हेक्टेयर से अधिक है।

मानसून में देरी और किसानों द्वारा दूसरी फसलोें को तरजीह देने से इस साल सोयाबीन का कुल रकबा पिछले साल से घट सकता है। कितना घटेगा यह अगले दो सप्ताह बाद पता चल पाएगा।

सोपा के अनुसार पिछले साल सोयाबीन का रकबा 114.50 लाख हेक्टेयर था। सरकारी आंकड़ों में रकबा 120.82 लाख हेक्टेयर था। कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि इस साल किसानों को सोयाबीन के भाव पिछले साल की तुलना काफी कम मिले हैं। ऐसे में इस साल सोयाबीन की बोआई में बढ़ोतरी होने की संभावना नहीं है, बल्कि इसमें थोड़ी गिरावट आ सकती है।