नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत होने वाली गेहूं और चावल की बिक्री को बंद कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद से राज्यों को कम भाव पर केंद्र से गेहूं और चावल खरीदने को लाभ अब नहीं मिलेगा। इस फैसले का कर्नाटक जैसे राज्य में सबसे अधिक असर पड़ेगा, क्योंकि यहां राज्य सरकार गरीब परिवारों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराती है।
कर्नाटक ने जुलाई 2023 के लिए OMSS स्कीम के तहत 3,400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर करीब 13,819 टन चावल एफसीआई से खरीदा है। कर्नाटक सरकार ने इस खरीदारी के लिए किसी ई-नीलामी में भाग भी नहीं लिया है।
फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी FCI ने एक आदेश में कहा कि राज्य सरकारों को OMSS के तहत चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी गई है। हालांकि, इस स्कीम के तहत पूर्वी राज्यों, पहाड़ी राज्यों पहले की व्यवस्था के तहत चावल और गेहूं उपलब्ध कराया जाएगा।
इसके अलावा जिन राज्यों में कानून को लेकर स्थिति ठीक नहीं है या किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में इस स्कीम के तहत 3,400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर चावल उपलब्ध कराया जाएगा।
खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि महंगाई के ट्रेंड को नियंत्रित करने के साथ-साथ ही केंद्रीय पूल में पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने ये फैसला लिया है। इसके तहत अब राज्य सरकारों को OMSS स्कीम के दायरे से अलग रखा जाएगा।
बता दें, इसके ठीक पहले 12 जून को केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2024 तक गेहूं के स्टॉक लिमिट भी तय की है। इस फैसले के साथ ही सरकार ने यह भी कहा कि चावल और गेहूं को OMSS स्कीम के तहत बिक्री ओपन मार्केट में कीमतों को नियंत्रित भी किया जाएगा।
हालांकि कुछ परिस्थितियों में ढील दी गई थी जिसमें खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखा गया था। अगर किसी देश में खाद्य सुरक्षा का मुद्दा है और वहां की सरकार भारत सरकार से गेहूं मांगती है, तो उस निर्यात को चालू रखा गया है।