कर्नाटक की तर्ज पर राजस्थान में चुनाव लड़ने के मूड में कांग्रेस

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-कृष्ण बलदेव हाडा –
कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में हाल ही में मिली शानदार सफलता के बाद कांग्रेस वे सभी नए प्रयोग आने वाले समय में राजस्थान के विधानसभा के चुनाव में दोहराना चाहती है जो कर्नाटक में किए गए थे क्योंकि यह माना जा रहा है उन अभिनव प्रयोगों की वजह से ही कांग्रेस को कर्नाटक में उम्मीद से कहीं अधिक सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

कर्नाटक में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पूर्व अपनी जनसभाओं या घोषणा पत्र के जरिए जो वायदे प्रदेश के मतदाताओं से करके सत्ता हासिल करने के तत्काल बाद उन्हें लागू किया गया था, उसी की तर्ज पर कांग्रेस राजस्थान में प्रदेश की जनता को दी जा रही राहतों की छूट का दायरा और आगे बढ़ा सकती है।

वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा के बजट सत्र में राहत की जो कई घोषणा की थी और विधानसभा सत्र के अवसान बाद भी इन घोषणाओं का सिलसिला जारी रखा था, उसे अब कर्नाटक में मिली सफलता के बाद अभी और आगे बढ़ाए जाने की उम्मीद है जिसके तहत आने वाले कुछ ही दिनों में यह उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश की आम जनता के लिए मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव से पहले कई और राहत भरी घोषणा न केवल करेंगे बल्कि उन्हें लागू भी कर देंगे ताकि विपक्ष दल भाजपा को जनता के बीच उनकी नीयत पर संदेह जताने का मौका ही नहीं मिले।

जैसा कि उन्होंने अभी हाल ही में 100 यूनिट तक हर उपभोक्ता को मुफ्त बिजली देने की घोषणा करके किया है जबकि सबसे पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों को 50 यूनिट बिजली मुफ्त में देने की घोषणा की थी जिसे विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बढ़ाकर 100 यूनिट कर दिया गया लेकिन साथ ही जब प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने फ्यूल सरचार्ज के रूप में आम विद्युत उपभोक्ता पर अतिरिक्त वित्तीय भार डाला तो उसका नकारात्मक असर लोगों के बीच में देखने को मिला और यह बात पुख्ता तौर पर सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने जनता को विश्वास में लेते हुए 100 यूनिट तक बिजली बिल्कुल मुफ्त में देने का ऐलान कर दिया है।

यानी उपभोक्ताओं को किसी भी तरह का शुल्क तक नहीं अदा करना पड़ेगा। इसके बाद भी पूर्व की तरह स्लैबवाईज राहत विद्युत उपभोक्ताओं को मिलती रहेगी। उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में राजस्थान में कर्नाटक की तरह दो सौ से ढाई सौ यूनिट प्रतिमाह बिजली उपभोग को मुफ्त किया जाकर मतदाताओं को लुभाने का एक बड़ा दांव खेला जा सकता है।

इसके अलावा भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकते हैं जिनमें कर्नाटक की तर्ज पर प्रदेश की आधी आबादी यानी महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए राजस्थान रोडवेज की बसों में मुफ्त में यात्रा करने की सुविधा देने, घरेलू महिलाओं को 2000 रुपए तक का मासिक भत्ता देना आदि शामिल हो सकता है।

गैर व्यवसायिक वाहनों के मालिकों को पेट्रोल-डीजल की खरीद पर कुछ अनुदान देने की घोषणा कर राहत पहुंचाई जा सकती है। कर्नाटक में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा व 2000 रुपए मासिक भत्ता देना शुरू कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के आम उपभोक्ता को रियायत देने के मामले में मुख्यमंत्री जिस तरह से बढ़-चढ़कर के हाल ही में घोषणायें करते रहे हैं,उसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक बुरी तरह चिड़े हुए हैं।

उनकी चिड़चिड़ाहट का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि हाल ही में अपनी अजमेर यात्रा के दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए यह कहकर राज्य सरकार की राहत गारंटी योजनाओं की खिल्ली उड़ाने की कोशिश की थी कि अगर इन राहतों को पूरा किया जाता रहा तो सरकार का दिवाला निकल जाएगा।

प्रधानमंत्री ने तो यहां तक कह दिया था कि गारंटी देना कांग्रेस की पुरानी आदत है जबकि जिस समय प्रधानमंत्री यह भाषण दे रहे थे,तब तक प्रदेश भर में आयोजित राहत कैंपों में राज्य की आधी से भी अधिक आबादी के लोग गारंटी कार्ड ले चुके थे क्योंकि उन्हे प्रदेश सरकार पर भरोसा था।