नई दिल्ली। odisha train accident: ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के बीच हुए भीषण हादसे में मृतकों का आंकड़ा शनिवार शाम तक बढ़कर 288 हो चुका है। जबकि 747 लोग घायल हुए हैं। मृतकों और घायलों की संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि हादसा शुक्रवार शाम सात बजकर करीब 20 मिनट पर बाहानगा बाजार स्टेशन पर तब हुआ जब कोरोमंडल एक्सप्रेस कोलकाता के नजदीक शालिमार स्टेशन से चेन्नई सेंट्रल जा रही थी।
पीएम बोले, दोषियों को मिलेगी सख्त से सख्त सजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालासोर के अस्पताल में पीड़ितों से मिलने के बाद मीडिया से कहा, ”जिन लोगों ने अपना जीवन खोया है, यह बहुत दर्दनाक और संवेदना से भी परे मन को विचलित करने वाला है। जिन परिवारजनों को इंजरी हुई है, सरकार उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। सरकार के लिए घटना अत्यंत गंभीर है। हर प्रकार की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसको सख्त से सख्त सजा हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
सिग्नल में प्रॉब्लम के चलते हुआ ओडिशा रेल हादसा?
ओडिशा में हुए रेल हादसे को भारत के सबसे खराब हादसों में से एक बताया गया है। अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हादसा किसी तकनीकी खराबी के चलते हुए या फिर इंसानी गलती के कारण। हालांकि एक रिटायर्ड रेलवे अधिकारी ने हादसे के पीछे टेक्निकल ग्लिच और सिग्नलिंग में इश्यू की आशंका जताई है।
मंजर खौफनाक, हर तरफ लाशें
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, चश्मदीदों ने ओडिशा ट्रेन हादसे की खौफनाक कहानी का आंखो-देखा हाल सुनाया। एक चश्मदीद टूटू विश्वास ने बताया कि जब यह हादसा हुआ तो वो अपने घर पर थे। यह किसी धमाके की आवाज जैसा था। जैसे ही मैं घर से बाहर निकला, सबकुछ बदल चुका था। ट्रेन के अंदर और बाहर लाशें पड़ी थी। जब मैं पहुंचा तो बहुत से लोग घायल थे, वे प्यास से तड़प रहे थे। मैं कुछ ही लोगों की मदद कर पाया।
बच्चे ने रोते-रोते दे दी जान
टूटू विश्वास ने आगे बताया कि एक बच्चे के सामने उसके मां-बाप के शव पड़े थे। उसने भी रोते-रोते अपनी जान दे दी। यह मंजर बहुत भयानक और असहनीय था। मैं अपने शब्दों से इस हादसे को बयां नहीं कर सकता। कई घायल ट्रेन से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। कुछ घायलों को हम मदद करके बस स्टॉप तक लेकर आए। वे लोग हमे धन्यवाद कह रहे थे। उस वक्त दिमाग में कुछ नहीं चल रहा था। हर तरफ खून फैला हुआ था।
रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा
रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने एक बयान में कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है, अब हम रेस्टोरेशन का काम शुरू कर रहे हैं। इस रूट पर कवच उपलब्ध नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि घायलों को अस्पताल में ही आर्थिक मदद दी जा रही है। रेलवे की तरफ से घायलों को अस्पताल में ही 50-50 हजार रुपए की मदद की जा रही है।