नई दिल्ली। निवेशकों के लिए 1 अप्रैल 2023 से 3 नए नियम लागू हो रहे हैं। अगर 31 मार्च से पहले अपने डीमैट अकाउंट और म्युचुअल फंड खाते में इसे अपडेट नहीं किया गया तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, एक नियम भी अप्रैल लास्ट में बदल रहा है। आइए जानें वो कौन से रूल्स हैं, जो बदलने जा रहे हैं…
नियम 1: इन चार नियमों में पहला एमएफ नॉमिनेशन (MF nomination) को लेकर है। म्यूचुअल फंड के मौजूदा निवेशकों के पास घोषणा फॉर्म जमा कर नॉमिनी का नाम देने या इससे बाहर आने के लिए 31 मार्च तक का समय है। ऐसा नहीं करने पर निवेशकों के खाते बंद कर दिए जाएंगे। जो निवेशक ऐसा नहीं करते हैं, उनके निवेश पर रोक लग जाएगी। निवेशक इन घोषणाओं को रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट्स (आरटीए)-केफिनटेक और सीएएमएस या एमएफसेंट्रल की साइटों पर ऑनलाइन दे सकते हैं।
बता दें ज्वाइंट खातों के लिए यह प्रक्रिया अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है। “संयुक्त धारक जिन्होंने अपने संपर्क विवरण को अपडेट नहीं किया है, उन्हें भरे हुए डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे। चेन्नई स्थित एमएफ वितरक महेश मीरपुरी कहते हैं, “एक अनिवासी भारतीय होने वाले संयुक्त धारक के मामले में यह और भी चुनौतीपूर्ण है।” बता दें यदि आपने डीमैट खाते के जरिए निवेश किया है, तो आपको अपने नॉमिनी डिटेल्स को अपने ब्रोकरेज के साथ अपडेट करना होगा।
नियम 2: यदि आप 31 मार्च तक अपने पैन को आधार से लिंक नहीं करते हैं, तो आपका पैन निष्क्रिय हो जाएगा और उन सभी प्रक्रियाओं को प्रभावित करेगा जहां पैन कार्ड की आवश्यकता होती है। एक बार जब पैन को ‘निष्क्रिय’ मान लिया जाता है, तो इसका असर निवेशक की केवाईसी प्रोफ़ाइल पर होगा। सभी एमएफ फोलियो के लिए जहां पैन आधार से जुड़ा नहीं है, सभी नए निवेश (मौजूदा व्यवस्थित निवेश योजनाओं, स्विच सहित) 1 अप्रैल से प्रतिबंधित हो सकते हैं।
नियम 3: इससे पहले सेबी ने अपने निवेश को भुनाते समय निवेशकों के रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी और फोन नंबर पर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) भेजना अनिवार्य कर दिया था। 1 अप्रैल से इसे निवेश के लिए भी बढ़ा दिया गया है। सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) करने वाले निवेशकों के लिए अब यह नियम लागू होगा। हालांकि, प्रत्येक नए एकमुश्त निवेश के लिए, एक ओटीपी भेजा जाएगा, जिसे निवेशक को सत्यापित करने की आवश्यकता है।
नियम 4: उन निवेशकों के मामले में जिन्होंने 1 नवंबर 2022 से पहले केवाईसी के लिए आधिकारिक रूप से वैलिड डॉक्यूमेंट्स (ओवीडी) के रूप में आधार का उपयोग किया है, उन्हें केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (केआरए) को 30 अप्रैल से पहले इन केवाईसी को फिर से सत्यापित करने की आवश्यकता है।