कोटा। चैत्रीय नवरात्रि के उपलक्ष्य में गीता सत्संग आश्रम समिति के गीता भवन में संगीतमय श्रीराम कथा में पंडित श्याम महाराज ने शनिवार को सुंदरकाण्ड की चौपाईयों के माध्यम से कहा कि कभी विधर्मियों से रिश्ता न जोड़ें, सगे रिश्ते ही वास्तविक हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं को ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि अपने धर्म में ही कल्याण है। श्रीराम का जीवन चरित्र बचपन का और श्रीकृष्ण का युवा चरित्र अपनाने का होता है। मन पहले सोचता हे क्रिया बाद में होती है।
उन्होंने बताया कि सद्गुरू के समक्ष जावें तो बड़ा नहीं विनम्र बन कर जायें। जैसे हनुमान जी गए थे। उन्होंने कहा कि गुरू मार्ग बता सकते हैं, भक्ति नहीं दे सकते। वो तो खुद को ही करनी होती है। ईश्वर ही सत्य है, सत्यम शिवम सुंदरम के सुमधुर गीतों पर श्रोतागण भाव विभोर हो गए।
समिति के अध्यक्ष राजेंद्र खण्डेलवाल एवं कथा संयोजक संजय गुप्ता ने बताया कि कथा में आरती मुख्य अतिथि समाज सेवी दानबाड़ी खतरगच्छ पेढ़ी के पूर्व अध्यक्ष विमल धारीवाल ने की। इस अवसर पर पुष्टिमार्गीय समिति की रेखा शर्मा, गीता भवन सत्संग आश्रम समिति के मंत्री रामेश्वर विजय, पूर्व अध्यक्ष राधारमण राठी, समिति सदस्य जयनारायण खण्डेलवाल, गिरिराज गुप्ता, शशि गौतम आदि ने समाज सेवियों का स्वागत किया।