- राज्यपाल से मिला चम्बल संसद का प्रतिनिधिमण्डल
- सीवरेट ट्रीटमेंट प्लांट का किया अवलोकन
कोटा। अंतर्राष्ट्रीय नदी कार्रवाई दिवस पर चम्बल संसद एवं विश्व जन आयोग बाढ़ सुखाड़( पीडब्ल्यूसीडीएफ) ने राज्यपाल कलराज मिश्र को कोटा में एक ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि चम्बल की डाउन स्ट्रीम एवं अप स्ट्रीम में गंदे नालों से होने वाले प्रदूषण नियंत्रण कार्य को प्राथमिकता से किया जाए।
चम्बल संसद के अध्यक्ष केबी नंदवाना, जल बिरादरी के अध्यक्ष चंद्रकांत सिंह परमार, पीडब्ल्यूसीडीएफ के संभाग प्रभारी एवं संसद के समन्वयक बृजेश विजयवर्गीय, महासचिव डाॅ. अमित सिंह राठौड़, वरिष्ठजन कल्याण समिति के अध्यक्ष चंद्रसिंह, कोटा एनवायरमेंटल सेनीटेशन सोसायटी के सचिव डाॅ. विनीत महोबिया आदि के प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल के दौरे के बाद निर्माणाधीन चम्बल रिवर फ्रंट का अवलोकन कर प्रदूषण नियंत्रण के उपायों का जायजा लिया।
शिवपुरा गोदवारी धाम व साजीदेहड़ा नालों पर गहरी चिंता जताई। नगर विकास न्यास के अधिकारियों ने पर्यावरण दल को बलिता स्थित 30 एमएलडी के जल संशोधन संयंत्र और प्रयोगशाला की कार्यप्रणाली को दिखाया। इस पर प्रतिनिधिमण्डल ने बालिता संयंत्र पर संतुष्टि जाहिर की। साथ ही रिवर फ्रंट पर संशोधित जल के बहाव को भी देखा और अभियंताओं से पूरक प्रश्न पूछे।
अधिकारियों ने बताया कि नदी में एक ट्रीटमेंट प्लांट से स्वच्छ जल छोड़ा जा रहा है। लेकिन बैराज से पानी छोड़े जाने पर अप स्ट्रीम की गंदगी नदी में आ रही है। जिससे बैराज के पास रिवर फ्रंट अभी भी प्रदूषित है। अधिकारियों ने बताया कि अपस्ट्रीम की अलग से योजना बन रही है। न्यास प्रशासन गंभीरता से प्रयास कर रहा है। गोदावरीधाम पर भी पम्पिंग स्टेशन प्रस्तावित है, उसकी प्रक्रिया जारी है।
साजीदेहड़ा नाले का मौजूदा प्लांट से कनेक्ट किया जाएगा। स्टेशन क्षेत्र के नालों पर भी कार्य किया जा रहा है। खेड़लीफाटक पम्पिंग स्टेशन से धाकड़खेड़ी संयंत्र में सीवर को ले जाया जा रहा है। यह काम नगर निगम का बताया गया है। बालिता में पूर्व में निर्मित एक अन्य 3 एमएलडी संयंत्र को भी कमिशन्ड किया जाना है, उस पर कार्यजारी है।
पूर्व मुख्य अभियंता चंद्रकांत सिंह परमार ने कहा कि अपस्ट्रीम नदी को स्वच्छ किए बिना मौजूदा रिवर फ्रंट की सफलता संदिग्ध ही रहेगी। इसे कार्य में गति लाने के लिए सरकार को अलग से ज्ञापन दिया जाएगा। राठौड़ ने कहा कि पर्यटन विकास बिना नदी की स्वच्छता के संभव नहीं है।
विजयवर्गीय ने कहा कि नदी अस्वस्थ रहेगी तो नागरिक कैसे स्वस्थ हो सकते हैं। नदी कार्रवाई दिवस का संचालन चम्बल संसद के समन्वयक बृजेश विजयवर्गीय ने किया।