–आशीष मेहता-
कोटा। विद्या भारती से संबद्ध स्वामी विवेकानंद विद्यालय का वार्षिकोत्सव उमंग- 2023 रविवार को श्रीरामशांताय सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल रहे। अध्यक्षता गोयल प्रोटीन्स के ताराचंद गोयल ने की। कार्यक्रम में विद्या भारती के संगठन मंत्री शिवप्रसाद मुख्य वक्ता थे। इस दौरान बच्चों ने सांस्कृतिक और शारीरिक प्रस्तुतियां दी।
संबोधित करते हुए अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि भारत को जी -20 की अध्यक्षता मिलने से संसार को भारत की संस्कृति दिखाने का अवसर मिला है। वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से विश्व भर में भारत का योग भारतीय विद्या के रूप में प्रसारित हुआ है।
मेघवाल ने कहा कि देश आजाद हुआ लेकिन भारतीय संस्कृति और सभ्यता के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं की गई। हमें आत्मगौरव का बोध कराने वाली बातों को हटा दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में कस्तूरीरंगन कमेटी ने भारतीय दर्शन को विश्व पटल पर ले जाने की सिफारिश की। अब मातृभाषा के विषय को आगे बढ़ाया जा रहा है। हम आदि और अनादि काल से वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचते रहे हैं।
मेघवाल ने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने कहा है कि सूर्य हमें एनर्जी दे सकता है और चंद्रमा डिप्रेशन को खत्म कर सकता है। लोग पहले इसका मजाक बनाते थे लेकिन आज भारतीय दर्शन पूरे विश्व में जा रहा है। सूर्य तेज देता है तो उसे नमस्कार करने में क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के विश्वगुरु बनने की मजबूत नींव रखी है। भारत शिक्षा के माध्यम से ही विश्व गुरु बनेगा।
मुख्य वक्ता शिव प्रसाद ने कहा विद्या भारती केवल शिक्षा देने का काम नहीं करती, हृदय से हृदय को जोड़ने का काम भी करती है। विद्या भारती में शिक्षक केवल वेतन के लिए कार्य नहीं करते। वह देश के लिए श्रेष्ठ नागरिक तैयार करने के लिए कार्य करते हैं।बालक का सर्वांगीण विकास मातृभाषा में ही संभव है। आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हिंदी माध्यम को महत्व दिया गया है। संस्कार आधारित शिक्षा की बात की जा रही है।
यही बात 50 साल से विद्याभारती कहती आई है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने की भेड़चाल चल रही है। लेकिन आज के सभी सफल लोगों की प्रारंभिक शिक्षा हिंदी माध्यम से ही हुई है। कार्यक्रम में नीता गौतम, सतीश गौतम, महावीर गौतम, विमल जैन, देवेंद्र जैन, केजी गौतम, नवीन झा, पूर्व विधायक हीरालाल नागर, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी, पार्षद सुनील गौतम तथा भानु गौड़ समेत कईं लोग उपस्थित थे।
मलखंभ पर दी हैरत अंगेज प्रस्तुतियां
कार्यक्रम के दौरान नन्हे बालक बालिकाओं ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। बच्चों ने कागज की गुड़िया… गीत पर नाटक की प्रस्तुति दी। वही हो जाओ तैयार साथियों… पर शारीरिक योग की प्रस्तुतियां दी। बच्चों ने मां को समर्पित गीत पर शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी तो हर कोई भाव विभोर हो गया। नन्हे बच्चों के द्वारा कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित लघु नाटिका, हम हैं वीर सिपाही… गीत पर नृत्य तथा राजस्थानी गीत ‘चिरमी’ पर नृत्य भी प्रस्तुत किया। वही खेलो इंडिया में अखिल भारतीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले बच्चों ने मलखंब पर हैरतअंगेज प्रस्तुतियां देकर सभी को अचंभित कर दिया।
चंदा को मामा कहने का है वैज्ञानिक आधार
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हमारी संस्कृति विज्ञान पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हम चंदा को मामा कहते हैं तो लोग इसका मजाक उड़ाते हैं। लेकिन इसके पीछे भी वैज्ञानिक धारणाएं हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी स्त्री के लिए अपने घर की परिधि के बाहर उसका भाई सबसे नजदीक होता है, इसलिए बच्चे उसे मामा कहते हैं। इसी प्रकार यह पृथ्वी हमारी मां है और चंद्रमा इस के सबसे निकट का ग्रह है। इसीलिए चंद्रमा को भी मामा कहा जाता है।