‘रिसर्च कांफ्रेंस ऑन ब्रिक्स’ के दूसरे दिन खुले सत्र में ब्रिक्स देशों में आर्थिक विकास पर चर्चा
कोटा। कोटा विश्वविद्यालय के कॉमर्स एंड मैनेजमेंट विभाग और डरबन यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में द्वितीय तीन दिवसीय ‘रिसर्च कांफ्रेंस ऑन ब्रिक्स’ के दूसरे दिन छह टेक्निकल सेशन और दो सिम्पोजियम हुए। इस दौरान ब्रिक्स देशों में आर्थिक विकास को लेकर व्यापक चर्चा हुई।
प्रो. मनोरंजन शर्मा ने खुले सत्र में बोलते हुए कहा कि भारत में आर्थिक विकास कि अपार संभावनाएं हैं। यहां संसाधनों के बावजूद उनका उपयोग नहीं हो सका है। सरकार इस क्षेत्र में काफी प्रयास कर रही है। ब्रिक्स देश मिलकर विश्व कि आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए काम करें।
भारत की आर्थिक प्रगति की रफ्तार अब बहुत तेज हुई है। भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने से भी संभावनाओं के द्वार खुले हैं। इससे पर्यटन को भी बल मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इंडोनेशिया से आईं येन्की हर्टिजस्टी ने कहा कि इंडिया और इंडोनेशिया में परस्पर बहुत समानताएं हैं। दोनों देशों के नाम भी काफी मिलते हैं और दोनों देशों की चुनोतियाँ भी साझा हैं।
बाबाव्रत चौधरी ने कहा कि सभी देशों को आर्थिक प्रगति और रोजगार सृजन के लिए कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। स्किल बढ़ाकर ही आर्थिक विकास की दौड़ में शामिल हो सकते हैं। यूके से आए क्रिस्टोफर रसेल ने कहा कि दुनिया के विकसित देशों के उदाहरण से सीखा जा सकता है। प्रो. वेंकटराव ने कहा कि भारत प्रोग्रेसिव देश है। भारत की प्रगति की रफ्तार से ही प्रतीत होता है कि भारत आगे बढ़ेगा।
कांफ्रेंस में प्रो. नवीन माथुर, प्रो. केडी शर्मा, ब्राजील के प्रो. एल्टन फर्नांडीज, सागर यूनिवर्सिटी मध्यप्रदेश के प्रो. जिनेंद्र जैन, प्रो. कुलदीप चंदेला, पूनम मेहता, प्रो. रविंद्र रैना, प्रो. बीपी शर्मा, प्रो. निमित चौधरी ने भी संबोधित किया। कांफ्रेस में ब्रिक्स देशों समेत 14 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। कांफ्रेंस में ब्राजील, रूस, भारत, दक्षिण अफ्रिका, उज्बेकिस्तान, इंडोनेशिया, श्रीलंका, यूके, चीन समेत 14 देशों से 35 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
कॉमर्स एंड मैनेजमेंट विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अनुकृति शर्मा ने बताया कि बुधवार को डीसीएम रोड स्थित होटल में प्रातः 11 बजे कांफ्रेंस का समापन होगा। जिसमें आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा मुख्य अतिथि होंगे। वहीं कुलपति डॉ. नीलिमा सिंह, डीन डॉ. अनीता सुखवाल, रजिस्ट्रार आरके उपाध्याय उपस्थित रहेंगे।
तीन एमओयू साइन हुए
कांफ्रेंस के दौरान तीन एमओयू भी साइन हुए। जिनमें इंडोनेशिया, यूके और डरबन यूनिवर्सिटी साउथ अफ्रीका के साथ छात्र, फेकल्टी और पाठ्यक्रम साझा करने की बात हुई। चौथा एमओयू तुर्की से होना था, लेकिन भूकंप त्रासदी के कारण नहीं हो पाया। कॉमर्स एंड मैनेजमेंट विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अनुकृति शर्मा ने बताया कि एमओयू साइन होने से छात्रों और विश्वविद्यालय को नवीन प्रयोग, नवाचार के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
सेवन वंडर की सैर की, कोटा कचोरी को सराहा
इस दौरान विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों और स्कोलर्स ने कोटा के सेवन वंडर, अभेड़ा और रिवर फ्रंट को देखा। वहीं कोटा कचोरी, चाट, पानी पूरी के साथ ही राजस्थानी दाल बाटी को भी खूब सराहा। प्रतिनिधि राजस्थानी जायके का आनंद लेने के बाद उसकी रेसीपी जानने के लिए भी उत्सुक दिखे। इंडोनेशिया के असप परांत ने फूड पर रिसर्च पेपर पढ़ा। उन्होंने राजस्थानी मोटा अनाज को सर्वश्रेष्ठ बताया।