नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद भवन परिसर में भारतीय राजस्व सेवा के 72 वें बैच के प्रशिक्षणाधीन अधिकारियों हेतु संसदीय पद्धतियों और प्रक्रियाओं पर आयोजित तीन दिवसीय परिबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर श्री बिरला ने प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता (transparency in the tax system) और जवाबदेही सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। इस दिशा में भारतीय राजस्व सेवा एक अग्रणी संस्था के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन कर रही है।
देश में विकास एवं आर्थिक सामाजिक परिवर्तन के सन्दर्भ में श्री बिरला ने कहा कि विकास की दिशा में विश्व के सभी देश सरल कर प्रणाली के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत की कर नीतियाँ स्पष्ट, पारदर्शी, तथा नागरिक केन्द्रित सेवा के मूल्यों पर हैं और इस दिशा में राजस्व सेवा के आधिकारियों को सदैव प्रयासरत रहने की आवश्यकता है ।
इस सन्दर्भ में श्री बिरला ने प्रगतिशील कर नीतियों और अर्थव्यवस्था की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार उनके कार्यान्वन पर ज़ोर दिया। प्रशिक्षु अधिकारियों को सन्देश देते हुए श्री बिरला ने कहा कि अमृत काल में देश की राजस्व व्यवस्था और टैक्स प्रणाली के उत्कृष्ट संचालन में युवा आधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
भारत में कर सुधारों के नए दौर पर अपने विचार रखते हुए श्री बिरला ने कहा कि संसद में व्यापक चर्चा के बाद राजस्व व्यवस्था में बड़े परिवर्तन हो रहे हैं और इस दिशा में IRS अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा हैं। उन्होंने कहा कि सिविल सेवक के रूप में युवा आधिकारियों का ज्ञान और कौशल सम्पूर्ण विश्व में भारत को विकास एवं निवेश का सर्वश्रेष्ठ डेस्टिनेशन बनाने में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं।
इस अवसर पर श्री बिरला ने आर्थिक नीतियों को स्पष्ट, प्रगतिशील और अर्थव्यवस्था की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप होने पर ज़ोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि नीतियों का उद्देश्य पारदर्शिता, तथा नागरिकों और उद्यमियों के लिए सम्मान समेत बेहतर सेवा होना चाहिए।
इस अवसर पर लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया एवं लोक सभा सचिवालय में अपर सचिव प्रसेनजित सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (PRIDE) द्वारा आयोजित किया गया था।