वित्तीय नियंत्रण संसदीय पर्यवेक्षण का प्रभावी साधन: लोक सभा अध्यक्ष

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दक्षिण अफ्रीका की लोक लेखा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने लोक सभा अध्यक्ष से मुलाकात की।

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका की संसद की लोक लेखा समिति के सभापति मखुलेको हलेंगुआ के नेतृत्व में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने संसद भवन परिसर में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाक़ात की। इससे पूर्व प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने भारतीय संसद की लोक लेखा समिति से मुलाक़ात कर संवाद किया।

लोक सभा अध्यक्ष और शिष्टमंडल के बीच संसदीय राजनय भारत की जी 20 समूह की अध्यक्षता, संसदीय कार्यकरण एवं समिति व्यवस्था जैसे विषयों पर चर्चा हुई। इस अवसर पर श्री बिरला ने बताया कि भारत की लोक लेखा समिति, संसद की सबसे पुरानी वित्तीय समिति है जिसकी स्थापना 102 वर्ष पहले सन 1921 में हुई थी। उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2021 में भारतीय संसद में लोक लेखा समिति का शताब्दी वर्ष समारोह मनाया था।

श्री बिरला ने कहा कि समितियां कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित कर संसद के एक अति महत्वपूर्ण दायित्व को पूरा करती हैं। उन्होंने वित्तीय नियंत्रण एक ऐसा प्रभावी साधन है जिसके माध्यम से विधायिका कार्यपालिका पर निगरानी रखती है और इस कार्य में लोक लेखा समिति की अग्रणी भूमिका है। श्री बिरला ने कहा कि लोक लेखा समिति सरकार की वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ साथ समावेशी विकास की दिशा में नीतियां बनाने में सरकार का मार्गदर्शन भी करती है।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि दोनों देश लोकतान्त्रिक मूल्यों में आस्था रखते हैं। दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं और दोनों के द्विपक्षीय संबंध बहुआयामी और पारस्परिक सहयोग पर आधारित हैं।

श्री बिरला ने कहा कि महात्मा गांधी ने पहली बार दक्षिण अफ्रीका में ही सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के प्रयोग किए थे और मानवता को शांतिपूर्ण और अहिंसक संघर्ष का रास्ता दिखाया था। श्री बिरला ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ने संपूर्ण विश्व को औपनिवेशिक एवं दमनकारी शक्तियों से मुक्ति का मार्ग दिखाया जिसकी प्रेरणा से आधुनिक दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मंडेला ने अपने देश को रंगभेद और औपनिवेशिक शासन से मुक्ति दिलाई।

भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि जी-20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है, जहां भारत विकासशील देशों और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने की मंशा रखता है।

उन्होंने शिष्टमंडल के सदस्यों को सूचित किया कि इस वर्ष जी-20 देशों की संसदो के अध्यक्षों के पी-20 सम्मेलन का आयोजन भी भारत में होगा।

‘वसुधैव कुटुंबकम’ के अनुरूप इस वर्ष जी-20 की थीम- ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्यं’ है जिसके अनुसार लोकतंत्र की जननी भारत जी 20 मंच पर वैश्विक मामलों के प्रभावी समाधान का प्रयास करेगा। इस अवसर पर लोक लेखा समिति के सभापति अधीर रंजन चौधरी भी मौजूद रहे।