कोटा यूआईटी ने दी देवनारायण आवासीय योजना में आवंटन निरस्त करने की चेतावनी
–कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के कोटा में पहली बार प्रदेश की ही नहीं बल्कि देश की अपनी तरह की अनूठी देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना बनाने के बाद भी अभी तक कोटा शहर को आवारा मवेशियों की जटिल समस्या से छुटकारा नहीं मिला है जबकि इसी समस्या के निदान के लिए करोड़ों रुपए खर्च करके यह योजना बनाई गई थी।
ऐसे हालात में अब इस योजना के प्रवर्तक कोटा नगर विकास न्यास ने सख्ती बरतने का फैसला किया है। न्यास ने यह तय किया है कि जिन लोगों ने इस एकीकृत आवासीय योजना में आवास-बाड़े आवंटित करवा लिया है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अभी तक कोटा शहर में भी पशुपालन को जारी रखा है तो ऐसे पशुपालकों का न केवल इस देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना से आवंटन को निरस्त किया जाएगा, बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी होगी।
कोटा शहर में आवारा मवेशियों की धरपकड़ के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है और इस अभियान के तहत आज भी बड़ी संख्या में मवेशियों को पकड़ा गया। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना बनने के बावजूद कोटा शहर में मवेशियों की समस्या को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में आवश्यकता पड़ने पर पुलिस कार्रवाई करने की भी सख्त हिदायत दी है।
साथ ही निर्देश दिया है कि हर स्थिति में कोटा शहर को इन मवेशियों से मुक्त किया जाना चाहिए। श्री धारीवाल के निर्देश पर आज सुबह से ही स्वायत्तशासी निकाय संस्थानों की ओर से न केवल आवारा मवेशियों की धरपकड़ की की गई, बल्कि ऎसे पशुपालकों के खिलाफ भी सख्ती से कार्यवाही की गई, जिन्होंने अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा करके बाडे बना रखे हैं और वहां अपने दुधारू मवेशियों को पाल रखा है।
स्वायत्तशासी संस्थाओं कोटा नगर विकास न्यास और कोटा नगर निगम निगम ने आज सुबह से ही शहर के विभिन्न स्थानों पर कार्यवाही करके करीब 60 ऎसे मवेशियों को पकड़ा जो सड़कों पर खुले छोड़े गए थे। अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने आज अवैध रूप से बाड़े बनाकर पशुपालन कर रहे तीन पशुपालकों के बाड़ों को भी हटाया। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
न्यास और निगम के करीब एक सौ कर्मचारियों की दस टीमों ने अलग-अलग कार्यवाही करते हुये बुधवार को दशहरा मैदान, किशोरपुरा, थर्मल चौराहा, गोदावरी धाम क्षेत्र एवं सुभाष नगर इलाके में मवेशियों को पकड़ा।
इस बीच कोटा नगर विकास न्यास ने ऎसे पशुपालकों को कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है, जिन्होंने देवनारायण एकीकृत आवासी योजना में भवन-बाड़े आवंटित करवा लिये हैं, लेकिन इसके बावजूद अपने बाडे अभी तक यहां स्थानांतरित नहीं किये हैं। न्यास अब ऐसे पशुपालकों के न केवल बाड़े हटाएगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर इस आवासीय योजना में उनके आवंटन को भी निरस्त करेगा।