नयी दिल्ली। राजस्थान तेल ब्लॉक के लिए वेदांता लिमिटेड के लाइसेंस को 10 साल तक बढ़ा दिया गया है। अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल की कंपनी ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजारों के बताया कि इस विस्तार के बाद लाइसेंस 14 मई, 2030 तक मान्य है।
बाड़मेर ब्लॉक से तेल और गैस की खोज तथा उत्पादन करने का प्रारंभिक लाइसेंस 14 मई, 2020 को खत्म हो गया था। सरकार 10 साल के लिए विस्तार पर तो सहमत थी, लेकिन वह ब्लॉक से तेल और गैस का अधिक हिस्सा चाहती थी।
इसके अलावा सरकार कंपनी के साथ लागत वसूली के मुद्दे पर 5,651 करोड़ रुपये के विवाद का निपटारा भी चाहती थी। वेदांता इनमें से किसी भी मांग से सहमत नहीं हुई और उन्हें अदालत में चुनौती दी। इस बीच, कंपनी को मासिक या दो महीनों के आधार पर विस्तार दिया गया और ताजा विस्तार 31 अक्टूबर, 2022 को खत्म होने वाला था।
कंपनी ने बताया कि सरकार अब विवाद का निपटारा करने के लिए उत्पादन साझाकरण अनुबंध (पीएससी) को आगे बढ़ाने पर सहमत हो गई है।वेदांता ने कहा, ‘‘भारत सरकार ने आरजे ब्लॉक के लिए पूर्व-एनईएलपी विस्तार नीति के तहत पीएससी के विस्तार के लिए अपनी मंजूरी 15 मई, 2020 से 10 साल के लिए दे दी है, जो कुछ शर्तों के अधीन है।”
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि 15 मई, 2020 से 14 मई, 2030 तक 10 साल के लिए पीएससी विस्तार को मंजूरी दी गई है। इस ब्लॉक में ओएनजीसी की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि वेदांता लिमिटेड की इकाई केयर्न ऑयल एंड गैस की 70 फीसदी हिस्सेदारी है।