नई दिल्ली/ जयपुर। अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने के बाद अध्यक्ष पद के लिए नए उम्मीदवार की तलाश शुरू हुई। वह तलाश शुक्रवार को पूरी हो गई। अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर सहमति बन गई है।
इससे पहले दिग्विजय सिंह के मैदान में आने के बाद पार्टी नेताओं ने सोनिया गांधी को समझाया कि कांग्रेस का मूल वोट बैंक दलित है। जबकि दिग्विजय सिंह सहित बाकी सभी दावेदार अगड़ी जाति के हैं। दलित नेता को अध्यक्ष बनाने से पूरे देश में दलित और महादलित मतदाताओं में सकारात्मक संदेश जाएगा।
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए दलित नेता के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, सुशील कुमार शिंदे और कुमारी शैलजा के नाम पर विचार हुआ। खड़गे और शिंदे की उम्र ज्यादा होने की वजह से मुकुल वासनिक पर चर्चा हुई। वासनिक से बात करने की जिम्मेदारी अशोक गहलोत को दी गई।
गुरुवार देर रात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, एके एंटनी और केसी वेणुगोपाल की बैठक हुई। राहुल गांधी से भी चर्चा हुई और खड़गे का नाम तय किया। इसके बाद शुक्रवार को केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं से बात कर मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर सहमति बनाई।
खड़गे को मिला G-23 का भी साथ
इसके पीछे एक वजह यह भी थी कि खड़गे के नाम पर असंतुष्ट गुट के नेताओं को भी कोई ऐतराज नहीं था। उनके नमांकन के दौरान इसकी बानगी भी देखने को मिली। आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक जैसे विद्रोही गुट के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बने। मनीष तिवारी ने भी उन्हें अपना समर्थन दिया।