दशहरा मेला: पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ डेजर्ट सिम्फनी ने किया रोमांचित

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कोटा दशहरा मेले में चरी नृत्य प्रस्तुत करते लोक कलाकार

अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार गाजी खान बर्ना के लोक संगीत कार्यक्रम का देर रात तक जमा रंग

कोटा। राष्ट्रीय मेला दशहरा 2022 के उद्घाटन समारोह के बाद जैसलमेर के अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार गाजी खान बर्ना ( Folk Artist Ghazi Khan Barna) की लोक प्रस्तुतियों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान 30 लोक कलाकारों द्वारा दी गई विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने आह्लादित कर दिया। गाजी खान के दल के कलाकारों ने स्वागत गीत ‘ केसरिया बालम… ‘ से शुरुआत कर एक से बढ़कर एक जबरदस्त प्रस्तुतियों से मन मोह लिया।

इसके बाद ऊँट के श्रृंगार पर गाए जाने वाले गीत “गोरबंद” पर सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी। वहीं भवई नृत्य, कालबेलिया नृत्य, घूमर नृत्य ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। राजस्थानी गीत “चिरमी रा ढाला चार, वारी जाऊँ चिरमी ने…” पर सिर पर अग्नि कलश रखकर चरी नृत्य किया तो हर कोई हतप्रभ रह गया। गाजी खां के बेटे सरताज खां ने हरियाला बना.. गाकर सबका मन मोह लिया। इसके बाद निम्बुडा… दमादम मस्त कलंदर… जैसे गीतों की प्रस्तुति से खूब वाहवाही लूटी।

डेजर्ट सिम्फनी ने किया रोमांचित
समारोह में गाजी खां ने खड़ताल की जादूगरी दिखाते हुए पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ जुगलबंदी से कार्यक्रम को नई ऊँचाइयाँ दी। उन्होंने ढोलक, ढोल, मोरचंग, कमायचा, सिंधी सारंगी, अलगोजा, भपंग, झांझ, हरमोनियम शानदार जुगलबंदी कर डेजर्ट सिम्फनी की शानदार प्रस्तुति दी।