जयपुर। Political Crisis In Rajasthan: कांग्रेस के अध्यक्ष पद की रेस राजस्थान संकट के चलते रोचक हो गई है। अशोक गहलोत का सीएम पद का मोह अब उन पर भारी पड़ता दिख रहा और कांग्रेस अध्यक्ष की रेस से उन्हें बाहर कर दिया गया है। कांग्रेस के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान की इच्छा के विपरीत जाकर अशोक गहलोत का 82 विधायकों के इस्तीफा का दांव चलना गांधी परिवार को अच्छा नहीं लगा है। ऐसे में उन्हें लेकर अब गांधी परिवार रिस्क नहीं ले रहा है और अब उन्हें अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर दिया गया है। यही नहीं चर्चाएं तो यहां तक हैं कि अब सीएम पद पर भी किसी और नेता को लाया जा सकता है।
अब कहा जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, कमलनाथ जैसे नेता भी अब अध्यक्ष पद की रेस में आ गए हैं। यही नहीं दिग्विजय सिंह भी अध्यक्ष पद के चुनाव में उतर सकते हैं। राहुल गांधी के करीबी और कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी अध्यक्ष के लिए चुनाव में आ सकते हैं।
कहा जा रहा है कि फिलहाल सोनिया गांधी और राहुल गांधी मंथन कर रहे हैं कि किसे अध्यक्ष चुनाव के लिए समर्थन किया जाए। इससे पहले अशोक गहलोत पर गांधी परिवार ने मन बना लिया था, लेकिन उनकी हरकत से वह अपमानित और भरोसे पर चोट जैसा महसूस कर रहा है।
दरअसल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सोमवार से नामांकन की शुरुआत होनी थी, लेकिन अब तक किसी ने नहीं किया है। राजस्थान में आए सियासी संकट ने अध्यक्ष पद की रेस को भी उलझा दिया है।
एक तरफ राजस्थान को लेकर पसोपेश की स्थिति है तो वहीं अध्यक्ष के तौर पर भी अब हाईकमान किसी और भरोसेमंद पर दांव लगाने पर विचार कर रहा है। अब तक केसी वेणुगोपाल का नाम इस रेस में नहीं था, लेकिन अचानक ही उनका नाम भी चर्चा में आ गया है। इसकी वजह यह है कि वह राहुल गांधी के करीबी हैं और दक्षिण भारत से आते हैं, जहां कांग्रेस खुद को मजबूत करने में जुटी है।
केसी वेणुगोपाल का नाम अध्यक्ष पद की रेस में आने के बाद से ही ये कयास लगने लगे हैं। इसकी वजह यह है कि केसी वेणुगोपाल को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। कई सालों से पार्टी के अहम मामलों में केसी वेणुगोपाल का रोल रहा है और वह राहुल गांधी के करीबी रहे हैं।
ऐसे में उनके अध्यक्ष पद पर आने से एक तरह से राहुल गांधी की पकड़ मजबूत हो जाएगी। अशोक गहलोत और कमलनाथ जैसे नेता सोनिया गांधी के करीबी माने जाते हैं। अब केसी वेणुगोपाल के अध्यक्ष बनने से यह भी संदेश जाएगा कि पार्टी युवा नेताओं को आगे बढ़ा रही है।