नई दिल्ली। GST on Pulses: दाल-दलहन एवं अन्य खाद्यान्नों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का विरोध गहराने लगा है। इसी वजह से आज पूरे देश में दाल और दलहन का कारोबार पूरी तरह से बंद रहा। दाल कारोबारियों का कहना है कि उनके समर्थन में आज देश भर के सभी चावल मिल और अनाज मंडी भी बंद रहे।
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने यहां जारी एक बयान में बताया कि जीएसटी काउंसिल द्वारा दाल-दलहन एवं अन्य खाद्यान्नों के प्री-पेकेज़्ड और प्री-लेबल्ड पर 5% जीएसटी लगाने के विरोध मे सम्पूर्ण भारत मे दाल इंडस्ट्रीज़ का एक दिवसीय कारोबार पूर्णतया बंद रहा।
उन्होंने बताया कि भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल, नई दिल्ली के आह्वान पर आज देश की सभी दाल इंडस्ट्रीज़ और समस्त प्रकार के खाद्यान्न व्यापार से जुड़े व्यापारी, उद्योगपति एवं कारोबारियों ने अपना सम्पूर्ण कारोबार बंद रखा। इस दिन देश की सभी मंडियां भी बंद रहीं। दाल इंडस्ट्रीज़ के साथ ही खाद्यान्न व्यापार से जुड़े सभी व्यापारी, आढ़तिया, दलाल और देश के सभी अनाज व्यापारी संगठनों ने भी एक दिवसीय बंद का समर्थन करते हुए अपने सम्पूर्ण कारोबार एवं सभी कृषि उपज मंडियों (गल्ला मंडी) को बंद रखा।
देश के सभी व्यापारी संगठनों ने जीएसटी निरस्त करने के लिए अपने-अपने जिलों में वाणिज्यिक कर आयुक्त (commercial tax commissioner) एवं जिलाधीश (collector) को ज्ञापन भेजा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के नाम भी ज्ञापन सौंपा गया। इनसे मांग की गई कि देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों और खाद्यान्न व्यापार से जुड़े सभी खुदरा व्यापारियों के हित मे जीएसटी को निरस्त किया जाए।
बीते जून के अंतिम सप्ताह में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी प्रकार की दालों एवं अन्य खाद्यान्नों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला हुआ था। यह फैसला 18 जुलाई 2022 से लागू हो रहा है।
2017 में कुछ और कहा गया था: संस्था अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि 01 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू करने के पूर्व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बार-बार कहा था कि आवश्यक वस्तुओं और सभी प्रकार के दाल-दलहन एवं खाद्यान्नों पर जीएसटी नहीं लगाया जायेगा। यह ऑन रिकार्ड है।