क्रेडिट और डेबिट कार्ड टोकन सर्विस डेडलाइन अब 1 अक्टूबर से होगी शुरू

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नई दिल्ली। credit-debit card tokenization service: रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्ड टोकनाइज सर्विस लागू करने की तिथि 1 जुलाई से बढ़ाकर 1 अक्टूबर 2022 कर दिया है। पहले 1 जुलाई 2022 से टोकनाइज क्रेडिट और डेबिट कार्ड सुविधा शुरू होने जा रही थी।

दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से मर्चेंट वेबसाइट पर ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड को 1 जुलाई 2022 तक टोकनाइज्ड करने का आदेश जारी किया है। जिसमें फिलहाल बदलाव कर दिया गया है। आरबीआई ने ग्राहकों की सुविधा और सिक्योरिटी की वजह से कार्ड टोकनाइज्ड सिस्टम शुरू किया है।

टोकनाइजेशन क्या है: टोकनाइजेशन का मतलब क्रेडिट और डेबिट कार्ड के विवरण को टोकन नामक वैकल्पिक कोड से बदलना है। इस व्यवस्था के तहत, ऑनलाइन व्यापारियों को अब अपने ग्राहकों के कार्ड को अपने प्लेटफॉर्म पर स्टोर करने के लिए कार्ड डेटा के बजाय टोकन नंबरों का उपयोग करना होगा।

टोकननाइजेशन के क्या लाभ हैं: कार्ड की जानकारी साझा करने से धोखाधड़ी की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए आरबीआई की तरफ से ऑनलाइन पेमेंट के लिए व्यापारियों को खास तरह के कोड को स्टोर करने का निर्देश दिया है, जो कि आपके वास्तविक कार्ड नंबर नहीं होंगे।

टोकन कहां-कहां होगा मान्य: एक टोकन केवल एक कार्ड और एक व्यापारी के लिए मान्य है। अगर आपने अपने क्रेडिट कार्ड को एक ई-कॉमर्स साइट के लिए टोकनाइज्ड करते हैं, तो उसी कार्ड का दूसरी साइट पर एक अलग टोकन होगा। यह धोखाधड़ी को रोकने के लिए है। इसके अलावा, आप लेन-देन करने के लिए किसी भी कार्ड पर टोकन का अनुरोध कर सकते हैं।

कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा: कार्ड को टोकनाइज्ड करने के लिए कोई सर्विस चार्ज नहीं लिया जाएगा। यह पूरी तरह से मुफ्त होगा।

क्या टोकनाइज्ड अनिवार्य है: यह जरूरी नहीं है। जब आप ऑनलाइन खरीदारी करते हैं, तो आप या तो एक टोकन बनाते हैं और इसे अपने फ्यूचर इस्तेमाल के लिए खास वेबसाइट पर स्टोर करते हैं। मौजूदा वक्त में जब आप कुछ खरीदते हैं तो अपना कार्ड विवरण दर्ज करते हैं। हालांकि अब आरबीआई ने 30 जून 2022 से पहले से स्टोर किसी भी डेटा को हटाने का निर्देश दिया है।