कुमावत समाज की शादी के लिए शर्त, क्लीन शेव दूल्हा होना चाहिए, दाढ़ी वाला नहीं

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कोटा। दूल्हा क्लीन शेव होना चाहिए, बड़ी-बड़ी दाढ़ी वाला दूल्हा नहीं चलेगा। साथ ही हल्दी सहित शादी की अन्य रस्मों में फिजूलखर्ची भी नहीं होनी चाहिए। राजस्थान के कुमावत समाज में शादी के लिए शर्तें लागू की गई हैं

इस तरह की कई और शर्तें कुमावत समाज के लोगों पर लागू होंगी। अगर किसी ने इनका पालन नहीं किया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। आइए जानें शादी में लागू होने वाली अन्य शर्तों के बारें में…

शादी पर यह शर्तें होंगी लागू

  1. दूल्हा और दुल्हन की बिंदौली डीजे पर नहीं निकाली जाएगी। शादी के दौरान इसे घर पर लगाया जा सकता है।
  2. सगाई के दौरान दुल्हन को कपड़ों के अलावा अधिकतम दो तोला सोना, चांदी के दो जोड़ी छड़ा और कंदोरा दिया जा सकेगा।
  3. मायरे के दौरान अधिकतम पांच तोला सोना, आधा किलों चांदी और 51 हजार रुपये दिए जा सकते हैं।
  4. शादी में हल्दी की रस्म में पीले कपड़े, फूल और शृंगार सहित अन्य के नाम पर फिजूलखर्ची नहीं की जा सकेगी।
  5. शादी की सभी रस्में पुरानी परंपरानुसार ही निभानी होगी।
  6. शादी, सगाई, आणा और मृत्युभोज आदि में होने वाली लोगों की सभा में अफीम और तिजारा का उपयोग नहीं किया जाएगा।

माननी होंगी शर्तें: कुमावत समाज का यह फैसला प्रदेश में रहने वाले समाज के सभी लोगों पर लागू होगा। इसके अलावा समाज के जो लोग प्रदेश से बाहर रह रहे हैं उन पर भी यह लागू होगा। समाज के करीब 20 हजार लोग देश के अलग-अलग राज्यों में रहते हैं। ऐसे में शादी-विवाह के दौरान उन्हें भी इन नियमों का पालन करना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि कितना जुर्माना लगेगा इसका अभी फैसला नहीं हुआ है।

किसने लागू किया यह फैसला: दरअसल, यह फैसला कुमावत समाज का है। 19 गांव के समाज के लोगों ने हाल ही में पाली में एक बैठक का आयोजन किया। इसी बैठक में यह सारे नियम बनाए गए हैं। बैठक में समाज के लोगों ने कहा, शादी एक संस्कार है। साथ ही दूल्हे को राजा का रूप माना जाता है। लेकिन, आज कल फेशन के चक्कर में शादी के दौरान कई तरह की फिजूलखर्ची की जाती है। शादी की पवित्र रस्में दूल्हे दाढ़ी बढ़ाकर निभाते हैं। यह गलत है। शादी में इस तरह की फैशन मान्य नहीं है।