भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए नए दिशानिर्देश जारी
नई दिल्ली। इलायची के नाम गुटखा बेचने का खेल अब नहीं चलेगा। सरकार ने अब भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें छोटे बच्चों को टारगेट करने और उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए मुफ्त दावे करने वाले विज्ञापन भी शामिल हैं।
जी हां, सरकार की नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि विज्ञापन जारी करने से पहले उचित सावधानी बरती जानी चाहिए। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नए दिशानिर्देशों में ‘सरोगेट’ विज्ञापनों पर भी रोक लगाई गई है और विज्ञापन दिखाते समय किसी घोषणा में ज्यादा पारदर्शिता लाने की बात कही गई है। ये दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
सोडा वाटर के बहाने शराब का ऐड: ‘सरोगेट’ विज्ञापन दरअसल, छद्म विज्ञापन होते हैं, जो किसी अन्य उत्पाद का प्रचार करते हैं। जैसे- सोडा वाटर के बहाने शराब का प्रचार करना या इलायची के बहाने गुटखे का। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने इन दिशानिर्देशों की घोषणा करते हुए कहा, ‘विज्ञापनों में उपभोक्ता काफी दिलचस्पी लेते हैं। सीसीपीए अधिनियम के तहत, उपभोक्ताओं के अधिकारों को प्रभावित करने वाले भ्रामक विज्ञापनों से निपटने का प्रावधान हैं।’ उन्होंने कहा, ‘…लेकिन उद्योग को अधिक स्पष्ट और जागरूक बनाने के लिए, सरकार निष्पक्ष विज्ञापन के लिए दिशानिर्देश लेकर आई है।’ ये दिशानिर्देश प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल जैसे सभी प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित विज्ञापनों पर लागू होंगे। नए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (सीसीपीए) के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सिलेब्रिटी भी नपेंगे: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत शुक्रवार को लागू नए दिशानिर्देशों के अनुसार, उत्पादों या सेवाओं का समर्थन करने वाली फिल्मी या अन्य क्षेत्रों की हस्तियां भी जिम्मेदारी मानी जाएंगी। नए रूल में साफ कहा गया है कि भ्रामक प्रचार में शामिल होने के लिए उन्हें भी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
भ्रामक विज्ञापन कौन से होते हैं
- जो किसी विज्ञापन या सेवा को गलत तरीके से बताते हैं
- ग्राहकों को भ्रमित करने के लिए जो झूठी गारंटी का वादा करते हैं
- जानबूझकर अहम सूचना छिपाई जाती है
- सस्ता बता ललचाना
- भ्रामक एड में वे सभी सामान, उत्पाद या सेवाएं आएंगी, जिसे सस्ते रेट पर बताकर ग्राहकों को आकर्षित किया जाता है।
सरोगेट एड क्या होता है
शराब, गुटखे जैसी चीजों के प्रमोशन पर बैन लगा तो कंपनियों ने नया जुगाड़ निकाल लिया। ऐसी प्रतिबंधित चीजों के एड के लिए सोडा और इलायची जैसी चीजें बताकर सामान बेचा जाने लगा।
क्या-क्या बैन है
- भ्रामक और सरोगेट एड
- बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए हानिकारक चीजों को प्रोत्साहित करने वाले विज्ञापन
- वैज्ञानिक तथ्यों के बगैर शारीरिक और मानसिक क्षमता बढ़ाने का दावा
- प्राकृतिक या पारंपरिक खाने की तुलना में विज्ञापन में दिखाए प्रोडक्ट को बेहतर दिखाना
- चालाकी नहीं चलेगी
- डिस्क्लेमर उसी भाषा में और मुख्य विज्ञापन के बराबर फॉन्ट साइज में होना चाहिए
- ऑडियो-वीडियो एड में वीओ जल्दी-जल्दी नहीं आना चाहिए, ऐसा हो जिससे सुना और समझा जा सके।