नई दिल्ली। देश का चालू खाता घाटा वित्त-वर्ष 2021 में 0.9 प्रतिशत या 23.91 अरब डॉलर के सरप्लस के मुकाबले वित्त-वर्ष 2022 में तीन साल के उच्च स्तर 1.8 प्रतिशत या 43.81 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
इंडिया रेटिंग्स के एक आकलन के अनुसार चालू खाता घाटा (CAD) वित्त-वर्ष 22 की चौथी तिमाही में 17.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.96 प्रतिशत हो गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 8.2 बिलियन अमरीकी डालर या 1.03 प्रतिशत था। वहीं, Q3 में यह 23.02 बिलियन अमरीकी डालर या 2.74 प्रतिशत से बड़े पैमाने पर नीचे था, जो कि 13-तिमाही का उच्च स्तर था।
निर्यात को वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती अनिश्चितता और अस्थिरता से महत्वपूर्ण हेडविंड का सामना करना पड़ सकता है। मुख्य रूप से कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि के कारण यह हो रहा है। इस पर रूस-यूक्रेन युद्ध का भी बड़ा असर पड़ा है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2022 में लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ देखता है, जो पहले के 4.7 प्रतिशत पूर्वानुमान से नीचे है।
विश्व व्यापार निकाय ने भारत के प्रमुख निर्यातक भागीदारों जैसे उत्तरी अमेरिका और यूरोप के लिए 2022 में क्रमशः 3.9 प्रतिशत और 3.7 प्रतिशत पर आयात वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो पहले के पूर्वानुमान के अनुसार क्रमशः 4.5 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत से कम है। हालांकि, उच्च तेल की कीमतों से सऊदी अरब जैसे तेल निर्यातक देशों को लाभ होगा, जिससे उनकी आय बढ़ेगी और इससे उच्च आयात मांग 8.7 फीसद पूर्वानुमान से 11.7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।