दिनेश माहेश्वरी
कोटा। राजस्थान की गहलोत सरकार का पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने का दावा झूठा निकला। केरल और महाराष्ट्र ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैट (VAT) घटाने का दावा किया है, जो सही नहीं है।
वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे के वी सुब्रमण्यन का कहना है कि इन राज्यों ने वैट में कटौती नहीं की है बल्कि केंद्र के एक्साइज ड्यूटी कम करने से वैट कम हुआ है।
आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने हाल में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (Duty cut on petrol and diesel) में कटौती की थी। इसके बाद केरल की एलडीएफ सरकार ने पेट्रोल पर 2.41 रुपये और डीजल पर 1.36 रुपये कम करने का दावा किया।
राजस्थान की कांग्रेस की गहलोत सरकार ने पेट्रोल पर वैट में 2.48 रुपये और डीजल पर 1.16 रुपये घटाने की बात कही। महाराष्ट्र में शिव सेना की अगुवाई वाली सरकार ने पेट्रोल पर वैट 2.08 रुपये और डीजल पर 1.44 रुपये घटाने का दावा किया। लेकिन इन राज्यों के दावे हकीकत से परे हैं।
सुब्रमण्यन ने एक लेख में कहा कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी में शामिल नहीं है। ऐसे में उपभोक्ताओं को सेंट्रल टैक्स पर स्टेट टैक्स देना होता है। जीएसटी लाने का मूल मकसद टैक्स पर टैक्स को खत्म करना था। केरल, राजस्थान और महाराष्ट्र में वैट की दरें क्रमशः 30.08 परसेंट, 36 परसेंट और 26 परसेंट है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में आठ रुपये की कमी की। इस हिसाब से इन राज्यों में वैट में कमी आई है। यानी इन राज्यों का वैट में कमी का दावा खोखला है। असल में यह कमी केंद्र के एक्साइज ड्यूटी में कमी के कारण हुई है।
राजस्थान समेत आठ राज्यों में टैक्स सबसे ज्यादा
इन राज्यों को दूसरा दावा यह है कि सेंट्रल टैक्स के कारण उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ पड़ा है। लेकिन आंकड़े कुछ और बयां करते हैं। आठ राज्यों महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, केरल और पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर टैक्स केंद्र और पड़ोसी राज्यों से अधिक है। महाराष्ट्र का ही उदाहरण ले लीजिए। राज्य में पेट्रोल पर टैक्स देश में सबसे अधिक है। 26 फीसदी वैट के जरिए यहां एक लीटर पेट्रोल पर टैक्स 31 रुपये है और साथ ही 10.12 रुपये का फिक्स चार्ज है।
29 जनवरी 2021 को कम किया था वैट
4 नवम्बर 2021 से राजस्थान में पेट्रोल पर 36% और डीजल पर 26% वैट लागू था। इसके पहले 7 मई 2020 को राज्य में पेट्रोल पर वैट की दर 38 प्रतिशत व डीजल पर 28 प्रतिशत थी। गहलोत सरकार ने 29 जनवरी 2021 को प्रदेश में 2 प्रतिशत वैट में कमी की घोषणा की थी। इसके बाद लगातार पेट्राेल पर 36 प्रतिशत व डीजल पर 26 प्रतिशत प्रतिलीटर वैट वसूल किया जा रहा है। अगर सही माने में सरकार ने वैट कम किया है तो वर्तमान दर बताए, वह किस दर से वैट वसूल कर रही है?