विश्व बैंक ने घटाया भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान, जानिए क्यों

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नई दिल्‍ली। विश्व बैंक ने भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ अनुमान घटा दिया है। उसका कहना है कि रूस-यूक्रेन लड़ाई का असर पूरे दक्षिण एशिया की ग्रोथ (growth outlook for South Asia) पर पड़ेगा। इस कारण भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्‍त वर्ष में 8.7 फीसद से घटकर 8 फीसद रह सकती है। वहीं दक्षिण एशिया क्षेत्र की विकास दर 6.6 फीसद रहने का अनुमान है।

विश्व बैंक ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई छिड़ने से सप्‍लाई पर असर पड़ा है और महंगाई की मार पड़ी है। यह स्थिति आगे भी कायम रह सकती है। इससे दक्षिण एशिया की बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं का आर्थिक विकास प्रभावित होगा। विश्व बैंक ने कहा कि रूस कई जरूरी सामान का निर्यात करता है। इस लड़ाई से उसके ऊपर आर्थिक पाबंदी भी लग गई है। इस कारण भी दूसरे देश उससे सामान नहीं खरीद पा रहे हैं।

विश्व बैंक ने कहा कि भारत में कोविड महामारी और महंगाई के कारण घरेलू खपत पर दबाव बढ़ा है। बैंक के दक्षिण एशिया के लिए उपाध्‍यक्ष Hartwig Schafer ने कहा कि तेल और खाने के सामान की ऊंची कीमतें लोगों की कमाई को प्रभावित कर रही हैं। इसका असर आर्थिक विकास दर पर पड़ेगा।

विश्व बैंक ने हालांकि पाकिस्‍तान के विकास दर अनुमान में बढ़ोतरी की है। उसके मुताबिक पड़ोसी देश जून में खत्‍म हो रहे वित्‍त वर्ष में 4.3 फीसद की दर से बढ़ेगा। पहले यह अनुमान 3.4 फीसद था। अगले साल इसके 4 फीसद रहने का अनुमान है। जो देश अपनी ईंधन जरूरत के लिए दूसरों पर निर्भर हैं, उनके लिए कच्‍चे तेल की ऊंची कीमतों के मायने इकोनॉमी की रफ्तार पर असर पड़ना है। उन्‍हें विकास से पहले महंगाई पर काबू पाने में ताकत लगानी होगी। कोविड महामारी के कारण पहले ही दो साल से विकास दर में खास बढ़ोतरी नहीं हुई है।