कवच’ ने रोकी 160 किमी की गति से दौड़ रही दो ट्रेनों की टक्कर, ट्रेन में सवार थे रेल मंत्री

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    नई दिल्ली। भारतीय रेल (Indian Railway) ने आज एक नया इतिहास बना दिया। देश में विकसित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली कवच (Kavach) का परीक्षण आज सिकंदराबाद में किया गया। कवच ने दो ट्रेनों को चंद मीटर के फासले से एक दूसरे से भिड़ने से रोक दिया। इनमें एक ट्रेन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और दूसरी में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बैठे थे। कवच ने रेल मंत्री की ट्रेन को सामने से आ रही ट्रेन से 380 मीटर पहले ही रोक दिया।

    तेलंगाना के सिकंदराबाद में ट्रेनों के बीच कवच का परीक्षण सनतनगर-शंकरपल्ली खंड पर किया गया। खुद रेल मंत्री ने रेल मंत्री ने इस टेस्ट का एक मिनट का वीडियो साझा किया है। इसमें इंजन के कैबिन में रेल मंत्री वैष्णव और रेलवे के दूसरे अन्य अधिकारी दिखाई दे रहे हैं। वैष्णव ने ट्वीट किया, ‘रियर-एंड टक्कर परीक्षण सफल रहा है। कवच ने दूसरी तरफ से आ रही लोको से 380 मीटर पहले ही हमारी लोको को अपने आप रोक लिया।’

    क्या है कवच
    रेल मंत्रालय ने कई वर्षों के शोध के बाद यह तकनीक विकसित की है। रेलवे का दावा है कि ‘कवच’ दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली है। कवच के लगने पर संचालन खर्च 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर आएगा, जबकि वैश्विक स्तर पर इस तरह की सुरक्षा प्रणाली का खर्च प्रति किलोमीटर करीब दो करोड़ रुपये है। ‘कवच’ प्रणाली में हाई फ्रीक्वेंसी के रेडियो संचार का इस्तेमाल किया जाता है। एक बार इस प्रणाली का शुभारंभ हो जाने पर पांच किलोमीटर की सीमा के भीतर की सभी ट्रेन बगल की पटरियों पर खड़ी ट्रेन की सुरक्षा के मद्देनजर रुक जाएंगी। कवच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए अनुमोदित किया गया है।

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    साल 2022 के आम बजट में आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार ने 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना बनाई है। दक्षिण मध्य रेलवे की जारी परियोजनाओं में अब तक कवच को 1098 किलोमीटर मार्ग पर लगाया गया है। कवच को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग पर भी लगाने की योजना है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 3000 किलोमीटर है।