जयपुर। राज्य सरकार के कुछ बड़े फैसले नए साल में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की जिंदगी और ज्यादा आसान बना देंगे। 1 जनवरी से सवा चार लाख पेंशनर्स की पेंशन बैंकों के बजाय अब सरकार खुद देगी। वित्त विभाग ने अपने सभी पेंशनर्स का डाटा अपने सिस्टम पर ले लिया है। शुक्रवार को रिव्यू मीटिंग में इसका ड्राइ रन करके भी देख लिया गया। इसके बाद जो अगली व्यवस्था लागू की जाएगी उसमें कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद होने वाली कागजी कार्रवाई को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।
ऑटोमेटिक रूट से अपलोड हो जाएगा मृत्यु प्रमाण पत्र
कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद हर साल हुए बैंक और सरकारी दफ्तर जाकर लाइव सर्टिफिकेट पेश करना होता है। अब सभी पेंशनर्स का डाटा आधार से लिंक हो चुका है। ऐसे में कर्मचारी की मृत्यु होती है तो निगम से जारी होने वाला मृत्यु प्रमाण पत्र ऑटोमेटिक रूट से सिस्टम पर अपलोड हो जाएगा। जब तक सिस्टम पर पेंशनर का मृत्यु प्रमाण पत्र अपलोड नहीं होता तब तक उसे जीवित मानते हुए उसकी पेंशन जारी रखी जाएगी।
पे फिक्सेशन और बढ़ा डीए भी अपने आप ही जुड़ जाएगा
मौजूदा व्यवस्था में पेंशनर का पे फिक्सेशन या डीए बढ़ता है तो उसके लिए संबंधित पेंशनर की बैंक से ट्रेजरी फाइल आती है। इसके बाद ट्रेजरी से वापस बैंक फाइल भेजी जाती है। अब पेंशन के लिए बैंक से फाइल आने-जाने की प्रक्रिया खत्म हो गई है। इसलिए इसमें अनावश्यक रूप से लगने वाला महीनों का समय भी बचेगा।
रिटायरमेंट के दिन ही पेंशन स्वीकृत
मौजूदा प्रक्रिया में सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन कुलक भरना होता है। इस कुलक को ऑफिस जांच के बाद ट्रेजरी भेजा जाता है। इसके बाद फाइल ट्रेजरी से बैंक भेजी जाती है। बैंक अपने स्तर पर पेंशनर की अलग फाइल तैयार करता है और उसे अपने हैड ऑफिस भेजता है। इस पूरी प्रक्रिया में 4 से 5 महीनों तक का समय बर्बाद होता है। तब तक कर्मचारी की पेंशन भी शुरू नहीं हो पाती। अब नई प्रक्रिया में सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारी को सिर्फ यह बताना होगा कि उसके खिलाफ 16 सीसी का कोई प्रकरण लंबित तो नहीं।
यदि कोई प्रकरण लंबित नहीं होगा तो अगले दिन उसकी पेंशन शुरू हो जाएगी। हर साल करीब 25 से 30 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं उनके लिए यह बड़ी राहत है। इसके अलावा न्यू पेंशन स्कीम में राज्य सरकार और कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन अब सीधे कार्मिक के खाते से डेबिट हो जाएगा। पहले इस प्रक्रिया में भी 45 से 50 दिन का समय लगता था। अब जिस दिन कर्मचारी को वेतन मिलेगा उसी दिन पेंशन का अंशदान सीधे खाते से बैंक में चला जाएगा।