नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यदि हमें देश की कर प्रणाली को बेहतर और सुदृढ़ बनाना है तो हमें 3 टी-ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता), ट्रस्ट (विश्वास) और टेक्नोलाॅजी (तकनीक) पर जोर देना होगा। वे सोमवार को भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से संवाद कर रहे थे।
संसद भवन परिसर में आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्पीकर बिरला ने कहा कि आजादी के बाद हमारे बजट और कर संग्रह में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। एक समय था जब कर दाता के मन मे कर देते हुए हमेशा संशय रहता था। उसे लगता था कि उसको शोषण हो रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय में जो सुधार किए गए, उनसे आमजन के मन में एक भरोसा जगा है। हमें उन्हीं सुधारों को आगे बढ़ाना होगा।
बिरला ने कहा कि कर अधिकारी और करदाता में विश्वास और भरोसे का संबंध होना चाहिए। कर प्रणाली में जितनी अधिक पारदर्शिता होगी, आम आदमी में यह विश्वास उतना ही अधिक बढ़ेगा कि उसका पैसा देश के बुनियादी विकास और समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण में काम आ रहा है। यदि ऐसा होगा तो वे खुद आगे आकर कर अदा करेगा।
उन्होंने अधिकारियों का आव्हान किया कि कर प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए वे तकनीक के उपयोग पर अधिक से अधिक बल दें। देश में फेसलेस असेसमेंट जैसे नवाचार ने आमजन के कर की निर्धारण के प्रति जनता को आश्वस्त किया है। युवा अधिकारियों को इसी तरह के नवाचारों को और आगे ले जाना होगा।
बिरला ने कहा कि सरकार कर सुधार के क्षेत्र में सक्रियता से काम कर रही है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भी कर के दायरे में लाने के लिए कानून में आवश्यक बदलाव और सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। युवा अधिकारी भी अपनी नई सोच तथा अध्ययन के आधार पर कर व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार को सुझाव देने में भी आगे आएं।