कोटा। शहर में अगले 8 से 10 माह में विश्व स्तरीय काम दिखेंगे, जो दूसरे शहरों के लिए उदाहरण बन सकते हैं। कोटा अब कैटल फ्री और ट्रैफिक सिग्नल फ्री शहर बन जाएगा। साथ ही विश्व स्तरीय चंबल रिवर फ्रंट पर बन रहे अजूबे हर किसी के आकर्षण का केंद्र होंगे। चंबल नदी पर 700 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रहे इस रिवर फ्रंट में दुनिया की सबसे बड़ी घंटी, देश की सबसे बड़ी संगमरमर की प्रतिमा, देश का पहला एलईडी गार्डन और देश का सबसे बड़ा नंदी समेत कई अजूबे दिखेंगे।
यह रिवर फ्रंट 2.75 किमी का है, जिसमें गंगा किनारे बसे बनारस की तर्ज पर एक छोर पर 14 और दूसरे छोर पर 12 घाट भी बनेंगे। प्रत्येक घाट अलग थीम पर होगा, इन घाटों पर न सिर्फ कला व संस्कृति बल्कि हाड़ौती का हैरिटेज भी नजर आएगा। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का दावा है कि अब कोटा में पर्यटक भी आएंगे। भास्कर ने कोटा में हो रहे इन कार्यों पर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की, ताकि हर कोई यह समझ पाए कि हमारे यहां हो रहे कार्य किन मायनों में विश्व या राष्ट्रीय स्तर के हैं।
अगले दाे से तीन माह में काेटा ट्रैफिक सिग्नल फ्री हाे जाएगा। इस प्राेजेक्ट के तहत शहर की सबसे लंबी और मुख्य 25 किमी सड़क स्टेशन से अनंतपुरा के बीच 211.2 कराेड़ के काम चल रहे हैं, जाे अंतिम दाैर में हैं। इसके तहत 3 अंडरपास व 2 फ्लाईओवर बन रहे हैं।
भूटान की राजधानी थिंपू के बाद काेटा दुनिया का दूसरा ऐसा शहर हाेगा, जहां ट्रैफिक सिग्नल फ्री सड़कें हाेंगी। इसके तहत अंटाघर अंडरपास, एराेड्रम अंडरपास, सिटी माॅल फ्लाईओवर, गाेबरिया बावड़ी अंडरपास और अनंतपुरा फ्लाईओवर बन रहे हैं। ये सभी काम पूरे हाेने के बाद इस 25 किमी की सड़क में सभी चाैराहाें से ट्रैफिक सिग्नल हटा दिए जाएंगे।
चंबल रिवर फ्रंट के पूर्वी छोर पर एक घंटाघर घाट होगा, जहां विश्व की सबसे बड़ी घंटी लगाई जा रही है। यह घंटी 9.5 मीटर व्यास की होगी और साथ में एक घंटाघर का निर्माण किया जा रहा है। इसी घाट पर एक सौर घड़ी का निर्माण भी किया जा रहा है। वर्तमान में विश्व की सबसे बड़ी घंटी चीन में 8.2 गुणा 6.5 मीटर की है व मॉस्को की घंटी 8 गुणा 6.6 मीटर की है। कोटा की घंटी विश्व की सबसे बड़ी घंटी होगी, जिसका नाप 8.5 गुणा 6.6 मीटर रखा गया है। लोग इसे बजा भी सकेंगे। वहीं, कोटा बैराज के नजदीक चंबल माता उद्यान में एक वर्ल्ड क्लास फाउंटेन होगा, जिसका व्यास करीब 40 मीटर है। इस उद्यान का निर्माण मैसूर के वृंदावन गार्डन की तर्ज पर आधुनिक तकनीक के साथ होगा।
300 कराेड़ रुपए से पशुपालकाें के लिए देवनारायण आवासीय याेजना बन रही है, जिसका 90 प्रतिशत काम पूरा हाे चुका है। इस याेजना के पूर्ण हाेने के बाद काेटा कैटल फ्री सिटी हाे जाएगा। न्यास ने सभी पशुपालकाें काे यहां शिफ्ट किया है। इसके बाद शहरी क्षेत्र में पशु नहीं रखे जा सकेंगे। देश में अपनी तरह की यह पहली याेजना है।
देश का सबसे बड़ा नंदी
भारत का पहला एलईडी गार्डन इसी रिवर फ्रंट में बनाया जा रहा है। आधुनिक तकनीक और विश्व में एलईडी क्रांति को पेड़ों और आर्ट इफेक्ट्स से प्रदर्शित करते हुए इस गार्डन का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर एक विशाल वाटरफाॅल भी होगा। सकतपुरा छाेर पर श्मशान के सामने नंदी घाट बनेगा, जहां भारतीय वास्तु शिल्प के अनुसार एक परिसर बन रहा है। जिसमें लाल सैंड स्टाेन की भव्य नंदी की आकृति काे शिल्प कार्य करके रखा जाएगा। यह भारत का सबसे बड़ा नंदी हाेगा।
42 मीटर ऊंची चंबल माता की मूर्ति लगेगी
रिवर फ्रंट पर 42 मीटर ऊंची चंबल माता की मूर्ति लगेगी। यह मूर्ति 20 मीटर के पैडस्टल पर लगाई जाएगी, जिसका वजन 3 हजार टन होगा। वियतनाम मार्बल से बन रही यह मूर्ति भारत में लगी संगमरमर की मूर्तियों में से सबसे ऊंची होगी। पैडेस्टल सहित इसकी ऊंचाई 203 फीट होगी, जो काफी दूर से ही दिखाई देगी।
एक मंच पर नजर आएगी राजस्थान की विरासत : रिवर फ्रंट पर 360 मीटर लंबा राजस्थान विरासत घाट हाेगा, जहां पूरे प्रदेश की विरासत एक जगह नजर आएगी। इस तरह का प्रयाेग प्रदेश में पहली बार हाेगा। राजस्थान के 9 क्षेत्राें के वास्तुशिल्प, कला व संस्कृति काे प्रदर्शित करते हुए इस घाट का निर्माण किया जा रहा है। इसमें दूंधार, बृज, हाड़ाैती, मेवाड़, मारवाड़, वागड़, शेखावटी, किशनगढ़ एवं गाेद्वार क्षेत्राें के हस्तशिल्प, खान-पान, इतिहास, कला व संस्कृति का काॅम्पलेक्स बनेगा।
कोटा को पर्यटन नगरी बनाया जायेगा
हमारी साेच है कि जयपुर, जाेधपुर, बीकानेर, जैसलमेर की तरह पर्यटक काेटा आएं। करीब 3 हजार कराेड़ के काम चल रहे हैं, जो बारिश से पहले पूरे हाे जाएंगे। रिवर फ्रंट में चार-पांच काम ताे ऐसे हाे रहे हैं, जाे सिर्फ यहीं देखने काे मिलेंगे। मेरा सपना है कि लाेग कोटा आएं ताे कहें कि कुछ अद्भुत देखने काे मिला है। – शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री