मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महंगाई के लिए माेदी सरकार काे कोसा

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कोटा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को हाड़ाैती दाैरे पर आए। उन्होंने प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत पीपल्दा विधानसभा के जोरावरपुरा शिविर में शिरकत की। भले ही राजस्थान सरकार पेट्रोल और डीजल पर देश में सबसे ज्यादा वैट वसूलती हो, सबसे ज्यादा महंगी बिजली देती हो फिर भी सीएम गहलोत महंगाई के लिए माेदी सरकार काे कोसने से बाज नहीं आए। उन्हाेंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ रही है। हमने पेट्रोल पर 4 और डीजल पर 5 रुपए कम किए हैं।

वैट कम करने से राज्य सरकार को 550 करोड़ से भी ज्यादा का राजस्व का नुकसान होगा। माेदी जी ने बीते दिनों पेट्रोल और डीजल के दाम 5 और 10 रुपए कम किए थे, तब भी हमें 1800 करोड़ का रेवेन्यू का लॉस हुआ है। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम में 10 और 15 रुपए की कमी करे।

उन्होंने कहा कि केंद्र की योजनाओं में भी अब राज्यों का अंश जोड़ा जा रहा है। पहले राज्याें का अंशदान 20 से 40 हाेता था, अब मोदी सरकार ने इसे 50-50 फीसदी कर दिया है। इससे राज्याें पर आर्थिक दबाव पड़ता है।

केंद्र काे ताे राज्याें काे मजबूत करना चाहिए। असली काम राज्य सरकारेें करती हैं, भले किसी भी पार्टी की हाे। उन्हाेंनेे कहा कि आज गांवाें में सड़क, पानी, शिक्षा की पूरी व्यवस्था है। जरूरी काम हाेते रहें, ये जिम्मेदारी केंद्र की है।

ऐसी नीति बनाएं कि राज्याें का रेवेन्यू कम न हाे। जिन राज्याें में भाजपा की सरकार है, वो बाेल नहीं पाती हैं। सभा में माैजूद भीड़ काे देखते हुए गहलाेत ने कहा कि मुझे खुशी है कि इतनी बड़ी तादाद में लाेग यहां आए हैं।

उन्हाेंने प्रशासन गांवाें के संग अभियान काे लेकर कलेक्टर और अधिकारियाें काे बधाई देते हुए कहा कि राजस्थान के बाॅर्डर पर माैजूद इस गांव में भी 22 विभागाें के अधिकारी बैठे हैं। ये अच्छी बात है।

किसानाें के लिए अलग बिल लाएगी प्रदेश सरकार : सीएम ने कहा कि हम किसानाें के लिए अलग से बिल पेश कर रहे हैं। इसमें किसानाें काे हर महीने बिजली बिल में एक हजार का अनुदान मिलेगा।

राजस्थान में इंग्लिश मीडियम स्कूल खुल रहे हैं। सरकारी स्कूलाें में प्रवेश के लिए भी लाॅटरी निकालनी पड़ रही है। ऐसा प्रदेश में पहली बार हुआ है। अगले 10 साल में राजस्थान में जाे बच्चे बड़े हाेंगे, वे अंग्रेजी में हाेशियार हाेंगे।

500 लड़कियां पर स्कूल कॉलेज बनेगा: हमने दाे साल में 123 काॅलेज खाेल दिए हैं। इनमें 33 काॅलेज लड़कियाें के हैं। जिस भी स्कूल में 500 लड़कियां हाेंगी, उनकाे काॅलेज बना दिया जाएगा। राजस्थान में 93 हजार नाैकरियां लग चुकी हैं। 77 हजार की भर्तियां चल रही हैं। शिक्षाकर्मियाें और मदरसा पैराटीचर्स की समस्या भी हल हाेगी।