नई दिल्ली। क्रेडिट/डेबिट कार्ड से ऑटो डेबिट से जुड़े नए नियम को लेकर एचडीएफसी बैंक का कहना है कि वह 1 अक्टूबर 2021 से उन सभी रिकरिंग या ऑटो डेबिट ट्रांजेक्शन को अस्वीकार कर देगा, जो आरबीआई की अनुपालन प्रक्रिया के अनुरूप नहीं हैं। इस बारे में बैंक ने अपने ग्राहकों को अलर्ट करना शुरू कर दिया है। बैंक ने ग्राहकों को भेजे मैसेज में कहा है-
‘ध्यान दें! 1 अक्टूबर 2021 से, कार्ड्स पर ई-मैन्डेट को लेकर आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, हम आपके एचडीएफसी बैंक क्रेडिट/डेबिट कार्ड पर मर्चेंट वेब/ऐप से होने वाले नॉन कंप्लायंट रिकरिंग ट्रांजेक्शन अस्वीकार कर देंगे। इसका वैकल्पिक समाधान है- बिजली/पानी/गैस/लैंडलाइन/पोस्टपेड मोबाइल/ब्रॉडबैंड/बीमा से जुड़े बिलों का पेमेंट करने के लिए हमारे नेटबैंकिंग पर BillPay में ऑटोपे का इस्तेमाल करें या मर्चेंट वेब/ऐप पर ओटीपी के जरिए नियमित भुगतान का पुन: प्रयास करें।’
क्या है RBI का आदेश
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का आदेश है कि 1 अक्टूबर 2021 से बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को डेबिट/क्रेडिट कार्ड पर 5000 रुपये से ज्यादा के ऑटो डेबिट मैन्डेट के लिए ग्राहकों से अतिरिक्त फैक्टर ऑथेंटिकेशन की मांग करनी होगी। नए नियम के तहत बैंक को ग्राहक को डेबिट/क्रेडिट कार्ड से ऑटो-डेबिट भुगतान काटे जाने से कम से कम 24 घंटे पहले एक सूचना भेजनी होगी और ग्राहक की ओर से मंजूरी मिलने के बाद ही पैसा कटेगा। बैंक की ओर से सूचना एसएमएस, ईमेल आदि के माध्यम से भेजी जाएगी। यह सूचना कार्डधारक को मर्चेंट के नाम, लेनदेन राशि, डेबिट की तिथि/समय, लेनदेन की संदर्भ संख्या/ई-मैन्डेट, डेबिट का कारण आदि के बारे में सूचित करेगी। कार्डधारक के पास उस विशेष लेनदेन या ई-मैन्डेट से ऑप्ट-आउट करने की सुविधा होगी।
चिंता की बात नहीं
राहत भरी बात यह है कि आरबीआई का नया नियम केवल डेबिट/क्रेडिट कार्ड से होने वाले ऑटो-डेबिट से जुड़ा है। अगर म्यूचुअल फंड एसआईपी, ईएमआई, बीमा प्रीयिम आदि का ऑटो-डेबिट सीधा बैंक खाते से होता है तो इस पर नए नियम का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। नया नियम उन यूजर्स को प्रभावित करेगा, जिन्होंने अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड और/या मोबाइल वॉलेट से भुगतान के लिए ऑटो-डेबिट मैन्डेट दिया है जैसे कि नेटफ्लिक्स, ऐमजॉन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म की सदस्यता; स्पॉटिफाई, ऐप्पल म्यूजिक जैसे संगीत ऐप की सदस्यता; मोबाइल बिल, बीमा प्रीमियम, यूटिलिटी बिल आदि का भुगतान।
मोबाइल नंबर जरूर रखें अपडेट
नए नियम को देखते हुए बैंक ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका सही मोबाइल नंबर डेबिट/क्रेडिट कार्ड से जुड़ा हुआ हो ताकि उन्हें ऑटो-डेबिट की मंजूरी की मांग करने वाला मैसेज बैंक/वित्तीय संस्थान से प्राप्त हो सके। क्रेडिट—डेबिट कार्ड या मोबाइल वॉलेट से हर बार ऑटो-डेबिट के लिए अतिरिक्त फैक्टर ऑथेंटिकेशन की जरूरत होगी। हालांकि 5,000 रुपये से कम के ऑटो-डेबिट लेनदेन के लिए अतिरिक्त फैक्टर ऑथेंटिकेशन लागू नहीं होता है।
पहले 1 अप्रैल से लागू होने वाला था नियम
पहले यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू होने वाला था लेकिन बैंक/वित्तीय संस्थानों की ओर से इस फ्रेमवर्क को लागू करने पाने में हो रही देरी को देखते हुए बाद में यह तारीख बढ़ाकर 1 अक्टूबर 2021 कर दी गई। आरबीआई (Reserve Bank of India) ने 31 मार्च 2021 के अपने सर्कुलर में कहा है कि विस्तारित समय सीमा से परे इस नए फ्रेमवर्क का पूर्ण पालन सुनिश्चित करने में किसी भी तरह की देरी के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।