मुंबई। शेयर बाजार के लिए यह हफ्ता अहम रहने वाला है। इसमें कंपनियां तिमाही नतीजे तो जारी करेंगी ही, साथ ही जुलाई के घरेलू आर्थिक आंकड़ों और ग्लोबल ट्रेंड भी असर रहने वाला है। ऐसे में निवेशकों की नजर जुलाई में महंगाई और जून में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन पर रहने वाला है।
महंगे कच्चे तेल और सप्लाई में रुकावट से प्राइस पर दबाव होगा। इस पर रिजर्व बैंक यानी RBI ने रिटेल महंगाई दर 5.1% बढ़ाकर 5.7% कर दिया है। अनुमान पर कोरोना की दूसरी लहर का भी असर रहा। नतीजतन, 2021-22 के लिए GDP ग्रोथ रेट 9.5% रहने का अनुमान दिया गया है।
सैमको सिक्योरिटीज की इक्विटी रिसर्च हेड निराली शाह ने कहा कि इस हफ्ते सबकी नजर इकोनॉमिट डेटा और कंपनियों के नतीजों पर रहने वाली है। इसमें बाजार की नजर इंडस्ट्रियल नजर से लेकर महंगाई दर पर होगी। साथ ही मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन पर फोकस रहने वाला है। तिमाही नतीजों की बात करें तो इसमें MRF, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, ल्यूपिन, आयशर मोटर्स, टाटा स्टील, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, ONGC समेत अन्य शामिल हैं।
शेयर बाजार में इस सप्ताह निवेशकों के लिए महंगाई और प्रोडक्शन के आंकड़े काफी अहम होंगे। इसके अलावा विदेशी निवेश का फ्लो और कच्चे तेल का भाव समेत डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल भी काफी अहम होगा। इस हफ्ते सेंसेक्स 1,690 पॉइंट या 3.2% चढ़ा। इस दौरान 5 अगस्त को इंडेक्स पहली बार 54,717 पॉइंट तक भी पहुंचा, जो इंडेक्स लाइफ टाइम हाई भी है।
दूसरी ओर, रिलायंस सिक्योरिटीज के स्ट्रैटेजी हेड बिनोद मोदी कहते हैं कि तिमाही नतीजों के अलावा मानसून में प्रोग्रेस और देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा।