दिल्ली बाजार/ डीओसी की मांग से सरसों, सोयाबीन और मूंगफली में सुधार

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नयी दिल्ली। दिल्ली तेल- तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों, सोयाबीन और मूंगफली के तेल रहित खल (डीओसी) की स्थानीय के साथ साथ वैश्विक मांग के कारण सभी तिलहनों के भाव सुधार का रुख प्रदर्शित करते बंद हुए। इस तेजी की वजह से इनके तेल की कीमतों में भी सुधार आया। आयात शुल्क मूल्य को पूर्ववत रखने के फैसले के बाद सोयाबीन डीगम, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई।

बाजार के जानकार सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को सरकार ने सोयाबीन डीगम, सीपीओ और पामोलीन के आयात शुल्क मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं किया। कारोबारियों को उम्मीद थी कि इसे बढ़ाया जायेगा। सामान्य कारोबार के बीच मांग प्रभवित होने से सीपीओ और पामोलीन तेल में गिरावट आई, जबकि सोयाबीन डीगम के भाव कमजोरी के साथ बंद हुए।

उन्होंने कहा कि देश की मंडियों में कम आवक और त्योहारी मांग के कारण सरसों की चौतरफा मांग है। हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, राजस्थान में त्योहारों की भारी मांग और सरसों की कम उपलब्धता के कारण इसके तेल-तिलहनों के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए। किसानों और थोड़ा बहुत तेल मिलों के अलावा और किसी के पास भी सरसों का स्टॉक नहीं है।

सूत्रों ने बताया कि सोयाबीन दाने की भारी किल्लत को देखते हुए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश जैसी जगहों पर कई सोयाबीन पेराई मिलें बंद हो गई हैं दूसरी ओर त्योहारी मांग के कारण इसके भाव चढ़ते ही जा रहे हैं। इसके अलावा सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की भारी स्थानीय मांग के कारण भी सोयाबीन के भाव में रिकॉर्ड तेजी है। ज्ञातव्य हो कि इस बार पिछले साल के मुकाबले डीओसी का लगभग 300 प्रतिशत अधिक निर्यात हुआ है जिससे देश में डीओसी की कमी हुई है। डीओसी का भाव पिछले साल के 3,200 रुपये क्विंटल से बढ़कर इस समय 9,200 रुपये (कोटा) से लेकर 9,600 रुपये (छत्तीसगढ) तक पहुंच गया है।

महाराष्ट्र के नांदेड में सोयाबीन का प्लांट डिलिवरी हाजिर भाव 10,400 रुपये क्विन्टल है जिसमें जीएसटी अलग से लगाया जाना है। सूत्रों ने कहा कि आयात शुल्क मूल्य को अपरिवर्तित रखने के सरकार के फैसले का बाजार पर क्या असर हुआ, इसका पता सोमवार को मलेशिया एक्सचेंज के खुलने पर पता चलेगा। मूंगफली के डीओसी की मांग बढ़ने की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में लाभ दर्ज हुआ।

उन्होंने कहा कि सरकार को तेल-तिलहनों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये क्योंकी खाद्य-तेल के मामले में 70 प्रतिशत आयात-निर्भरता है और खाद्य तेलों के आयात के लिए सालाना लगभग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक विदेशी मुद्रा खर्च की जाती है। बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 7,775 – 7,825 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये। मूंगफली दाना – 6,245 – 6,390 रुपये। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,500 रुपये। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,235 – 2,365 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 15,550 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,530 -2,580 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,615 – 2,725 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 15,000 – 17,500 रुपये। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,150 रुपये। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,050 रुपये। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,750 रुपये। सीपीओ एक्स-कांडला- 11,750 रुपये। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,600 रुपये। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,580 रुपये। पामोलिन एक्स- कांडला- 12,400 (बिना जीएसटी के) सोयाबीन दाना 10,025 – 10,050, सोयाबीन लूज 9,725 – 9,825 रुपये मक्का खल (सरिस्का) 3,800 रुपये प्रति क्विंटल।