मुकेश भाटिया
कोटा। धनिया की आवक उत्पादक मंडियों में लगभग समाप्ति की ओर है। दूसरी नीचे वाले भाव पर पिसाई करने वालों के साथ-साथ पैकिंग निर्माताओं एवं चालानी में मांग निकलने से मंदे को विराम लग गया है तथा यहां से अगले 2 माह के अंतराल 8/10 रुपए प्रति किलो की तेजी लग रही है।
अब ताजा सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक धनिया के उत्पादक मंडियों में माल का प्रेशर नहीं है तथा गत वर्ष की तुलना में स्टाक भी नए – पुराने माल के 32 प्रतिशत कम है। हम मानते हैं कि महामारी की दूसरी लहर से व्यापार काफी प्रभावित हुआ है। लेकिन अब नीचे वाले भाव में वितरक मंडियों के माल काफी कट चुके हैं तथा खपत वाली मंडियों में भी ज्यादा माल नहीं है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए बादामी माल की मांग निकलने लगी है। जन्माष्टमी आने वाली है, उसमें लगभग 8 से 10 लाख बोरी धनिया की अतिरिक्त खपत प्रसाद के रूप में पंजीरी में हो जाती है। दूसरी ओर पिसाई करके बेचने वाली कंपनियों में भी ज्यादा माल नहीं है, जिससे उनकी नीचे वाले भाव में मांग बढ़ गई है। यही कारण है कि रामगंज, कोटा, बारा, भवानीमंडी, कुंभराज, मंदसौर आदि उत्पादक मंडियों में नीचे वाले भाव पर मांग निकलने लगी है।
उधर वायदा बाजार में भी डिलीवरी के लिए ज्यादा माल नहीं है। रामगंज कोटा लाइन में एवरेज माल 65/66 रुपए प्रति किलो बिक रहे हैं। उक्त उत्पादक मंडियों में आवक घटकर 800 से 1000 बोरी दैनिक रह गई है। उन मंडियों में सीजन में 15 से 20 हजार बोरी आवक होती है। झालावाड़ लाइन में भी इस बार ज्यादा माल नहीं है। कुंभराज, मंदसौर का माल इंदौर की कंपनियां खरीद रही है।
उधर यूपी एवं बिहार में लोकल माल काफी निपट गया है, जिससे एमपी से मांग कानपुर की कंपनियों के आने लगी है। गुजरात का माल महाराष्ट्र वाले खरीद रहे हैं। इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए जो यहां दिल्ली मंडी में बादामी 70/71 रुपए प्रति किलो बिक रहे हैं इसमें 10 रुपए प्रति किलो की तेजी अगले 2 महीने के अंतराल में आ सकती है। उधर राजस्थान, मध्य प्रदेश की मंडियों में भी इसी अनुपात में बढ़त की संभावना दिखाई दे रही है।