नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान हंगामा करने और पर्चे फेंकने वाले 10 विपक्षी सांसदों के खिलाफ सरकार की ओर से निलंबन प्रस्ताव लाया जा सकता है। सरकार की ओर से लोकसभा स्पीकर के समक्ष कांग्रेस नेता टीएन प्रतापन, हिबी एडन, गुरजीत सिंह आहूजा, बिट्टी, मणिकल टैगोर, दीपक बैज, एएम आरिफ और ज्योतिमणि समेत 10 लोगों के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। बुधवार को लोकसभा में एक बार फिर से पेगासस जासूसी कांड और किसान आंदोलन को लेकर भारी हंगामा देखने को मिला। यही नहीं इसी दौरान विपक्षी सांसदों ने पर्चे फाड़े प्लेकार्ड्स फेंक दिए। इसे लेकर सरकार ने नाराजगी जाहिर की है।
विपक्षी दलों की ओर से लगातार हंगामे के चलते सदन को तीन बार स्थगित करना पड़ा। हालांकि तमाम व्यवधानों के बाद भी किसी तरह से प्रश्न काल पूरा हो गया। इस मॉनसून सेशन में यह पहला मौका था, जब प्रश्न काल पूरा हुआ। कांग्रेस और टीएमसी के सांसद लगातार नारेबाजी करते रहे। इसी दौरान प्रश्न काल समाप्त होते ही स्पीकर ओम बिरला सदन से चले गए और उनकी जगह पर राजेंद्र अग्रवाल बैठे। इसी दौरान कांग्रेस सांसदों ने दिन की कार्यवाही से जुड़े दस्तावेजों को फाड़ना शुरू कर दिया और कुछ पेज आसन की ओर भी फेंके। यही नहीं एक प्लेकार्ड का टुकड़ा स्पीकर के आसन के पास प्रेस गैलरी में भी आकर गिरा। हालांकि इस दौरान भी राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही को जारी रखा।
इस बीच बीजेपी ने कांग्रेस सांसदों के व्यवहार पर हमला बोला है। यही नहीं विपक्षी दल के हंगामे को लेकर बीजेपी ने कहा कि कोरोना संकट पर कोई चर्चा न होने देना राष्ट्रविरोधी है। यही नहीं बीजेपी की ओर से विपक्षी दलों की एकता को लेकर भी निशाना साधा गया। भाजपा ने कहा कि पहले भी ये सभी दल पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट हो चुके हैं। इसकी वजह अपने पारिवारिक हितों को साधना है। राहुल गांधी ने कहा था कि संसद में पेगासस जासूसी को लेकर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि यह राष्ट्र विरोधी काम था। इस पर जवाब देते हुए भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कोरोना संकट पर चर्चा न होने देना राष्ट्रविरोधी है। कोरोना संकट ने बुरी तरह से देश को प्रभावित किया था और इस पर चर्चा होनी चाहिए।