नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर अहम बयान दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से संसद में बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर में स्थितियां सामान्य होने पर केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि सही समय आने पर इसका फैसला लिया जाएगा। उन्होंने शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की ओर से पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक बार हालात सामान्य हो जाएं, फिर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा प्रदान किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर का 5 अगस्त, 2019 को पुनर्गठन किया गया था। इसके तहत लद्दाख को अलग कर दिया गया था। इसके अलावा लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दोनों को ही केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। हालांकि दोनों के बीच एक अंतर यह है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख का गठन चंडीगढ़ मॉडल पर किया गया है। इसके अलावा सांसद सस्मित पात्रा की ओर से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को लेकर पूछे गए सवाल को लेकल भी नित्यानंद राय ने जवाब दिया। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में 2019 के मुकाबले 2020 में 59 फीसदी तक कमी देखने को मिली है।
इसके अलावा बीते साल के मुकाबले जून 2021 तक आतंकवाद की घटनाएं 31 फीसदी तक कम रही हैं। नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार की आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति है। बीते सालों में केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में अब सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन प्रभावी हुआ है। बड़ी संख्या में आतंकियों को इस साल अब तक मार गिराया गया है। इसके अलावा कश्मीरी पंडितों के विस्थापन को लेकर होम मिनिस्ट्री ने बताया कि फिलहाल घाटी में कश्मीरी पंडितों और डोगरा हिंदुओं के 900 परिवार रह रहे हैं।