ADB ने भी घटाया भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान

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नई दिल्ली। बैंक ने अपने ‘एशियन डेवलपमेंट आउटलुक’ (एडीओ) 2020 में कहा कि भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि अगले वित्त वर्ष में 6.2 फीसदी तक मजबूत होने से पहले वित्त वर्ष 2021 में घटकर चार फीसदी रह सकती है। करोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण दुनियाभर में पैदा हुए स्वास्थ्य आपात के बीच अर्थव्यवस्था के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है। बाजार में पिछले साल आई सुस्ती के बाद से ही भारत की विकास दर धीमी होती रही है।

बाधित हो रही हैं आर्थिक गतिविधियां
स संदर्भ में एडीबी के अध्यक्ष मसात्सुगु असाकावा ने कहा कि, ‘‘कई बार काफी चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ता है। कोविड-19 से विश्वभर में लोगों की जिंदगियां प्रभावित हुई हैं और उद्योग एवं अन्य आर्थिक गतिविधियां बाधित हो रही हैं।’’

इस सप्ताह फिच ने भी घटाया था अनुमान
इस सप्ताह फिच सोल्यूशंस ने भी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर 4.6 फीसदी कर दिया था। इस बीच, इंडिया रेटिंग्स ने भी आगामी वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 3.6 फीसदी कर दिया था। कोरोना वायरस महामारी के चलते निजी खपत कमजोर पड़ने और निवेश में कमी को देखते हुए एजेंसी ने यह कदम उठाया। कोरोना वायरस का असर दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर देखा जा रहा है।

मूडीज ने भी घटाया था अनुमान
पिछले सप्ताह वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अपने पहले के अनुमान को घटा कर 2.5 फीसदी कर दिया था। पहले उसने इसके 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। कोरोना वायरस और उसके चलते देश दुनिया में आवागमन पर रोक के मद्देनजर आर्थिक लगत बढ़ी और इसी वहज से देश की वृद्धि दर घटने का अनुमान है। वर्ष 2019 में वृद्धि पांच फीसदी रहने का आकलन है। वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में 14 अप्रैल तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है।

S&P ने इतना जताया था अनुमान
S&P ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने 2020 में भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 5.2 फीसद कर दिया है। S&P की तरफ से यह भी कहा गया है कि कोरोनावायरस महामारी के चलते दुनियाभर की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में जा रही है। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एजेंसी ने 2020 में भारत के जीडीपी ग्रोथ को 5.7 फीसद की रेटिंग दी थी।

बार्कलेज ने घटाया वृद्धि दर का अनुमान
शोध-सलाह कंपनी बार्कलेज ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वृद्धि दर के अनुमान में 1.7 फीसदी की कटौती कर इसके 3.5 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया था। उसने कहा था कि, ‘हमारा अनुमान है कि राष्ट्रव्यापी बंदी की कीमत करीब 120 अरब डॉलर यानी जीडीपी के चार फीसदी के बराबर रह सकती है।’