कोटा। दिल्ली-मुंबई मार्ग पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों के संचालन के लिए सिग्नल सहित अन्य सिस्टम को अपडेट करने के लिए 493.5 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। यह बात पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरिया ने सोमवार को वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में कहीं।
नागदा-मथुरा 545 किमी क्षेत्र में स्वचालित सिग्नल शुरू करने की योजना बनाई गई है। इससे लाइन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मानवीय गलती से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लोको पायलट की सहायता के रूप में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा के लिए एटीपी प्रणाली लागू की गई है। ट्रेन कॉलिजन अवॉइडेंस सिस्टम से ट्रेनों के आमने-सामने की टक्कर नहीं होती।
पश्चिम मध्य रेलवे के 2338 किलोमीटर रेल मार्ग के लिए टीसीएएस को मंजूरी दी गई है। इससे रेल की रफ्तार में वृद्धि होगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा। स्वचालित ट्रेन सुरक्षा के साथ आधुनिक कैब आधारित सिग्नल प्रणाली सुरक्षित ट्रेन संचालन के साथ ही कोहरे के दौरान भी मददगार होगी। ड्राइवर, गार्ड, स्टेशन मास्टर, ट्रेन ट्रैफिक कंट्रोलर और मेंटेनेंस स्टाफ के बीच ट्रेन संचालन में संपर्क के साथ मिशन क्रिटिकल वॉइस कम्युनिकेशन लागू है।
ट्रेनों के सभी कोच में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
यात्रियों की सुरक्षा के लिए इंडियन रेलवे की ट्रेनों के सभी कोच में आगामी 3 साल में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएंगे। यह काम रेलटेल कर रहा है।
272 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा बढ़ाई
पश्चिम मध्य रेलवे में 272 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा का विस्तार किया गया है और तीन स्टेशनों को जल्दी शामिल किया जाएगा। इस सुविधा का उपयोग यात्रियों, स्थानीय विक्रेताओं, कुली के द्वारा किया जा रहा है। सुरक्षा में सुधार के लिए 24 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। शेष स्टेशनों पर भी इसकी योजना है। रेलवे के 100% मार्गों पर ऑप्टिकल फाइबर केबल आधारित प्रणाली लगाई गई है।